द कश्मीर फाइल्स कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार और बर्बरता का बहुत देर से आया वह काला सच है जिसे उन्होंने सहा और भोगा है – सरोज पांडेय

Indian News – कश्मीरी पंडितों के साथ हुई बर्बरता एवं उनके विस्थापन पर बनी फ़िल्म कश्मीर फ़ाइल को देखने आज राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय भी पहुंची|

आज राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय के साथ भिलाई दुर्ग के प्रबुध्वर्ग,समाजसेवी,भाजपा महिला मोर्चा तथा युवा मोर्चा के पदाधिकारि एवं कार्यकर्ता भी कश्मीर फ़ाइल देखने सिविक सेंटर भिलाई स्थित मिराज सिनेमा पहुचे।




इस अवसर पर दुर्ग-भिलाई के पत्रकार साथियों को इस फ़िल्म को देखने के लिए सरोज पांडेय के द्वारा विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था।

फ़िल्म देखने के बाद सरोज पांडेय ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कश्मीर भारत देश का अभिन्न अंग है धारा 370 इसे देश से अलग कर रहा था उस समय सत्ता में जो लोग बैठे थे उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया सिर्फ राजनीति हुई। उस समय राजनीति में अपने लाभ-हानि के कारण जो कश्मीरी पंडित थे इनके साथ अमानवीय कृत्य हुए उस पर भी सत्तासीन कांग्रेस के लोग मौन साधे रहे मुझे लगता है कि कश्मीर फाइल सभी को देखनी चाहिए यह राजनीति से परे है छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री जी ने जिस विषय को कहा मुझे लगता है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री जी को तो किसी जगह को छोड़ना चाहिए जहां राजनीति ना हो वहां पर कश्मीरी पंडितों को किस प्रकार की यात्नाये झेलनी पड़ी वह भारत का अभिन्न अंग जिसके लिए भारतीय लड़ रहे थे वहां पर कुछ लोग उसे अलग करने की साजिस कर रहे थे दिल्ली में बैठा एक तबका किस प्रकार से आजादी और देश के टुकड़े करने वाले नारे लगाता है और उस टुकड़े टुकड़े गैंग का दिल्ली में बैठे कुछ लोग समर्थन करते हैं यह बहुत ही निंदनीय है जब हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी एवं देश के गृह मंत्री अमित शाह जी धारा 370 को खत्म करने जा रहे थे तब वही टुकड़े टुकड़े गैंग एवं उस गैंग को समर्थन देने वाले कुछ लोगो द्वारा यही अफवाह फैलाने या डराने की कोशिश की गई थी कि कश्मीर में भूचाल आ जाएगा कश्मीर जल रहा है यह सब बातें कही गई थी इस फिल्म में जो दर्द है डर है उसे महसूस किया जाना चाहिए परिवार के सामने महिलाओं को जिस प्रकार से प्रताड़ित किया गया यातनाएं दी गई उस तकलीफ को महसूस किया जाना चाहिए। हमारी ही भारतीय कश्मीरी पंडित भाई बहन और माताएं अपने ही देश में बेगाने हो गए रातों-रात इन्हें इनके ही घर से बाहर भगा दिया गया अपने और अपने परिवार की जान बचाने के लिए इन्हें अपना घर छोड़ना पड़ा उस समय के सत्तासीन लोग चुप बैठे रहे इनका दर्द इनकी तकलीफ किसी ने नहीं समझी आज इस फिल्म को जिस प्रकार से लोगों का जनसमर्थन मिल रहा है वह बतलाता है कि आज के लोग एवं युवा पीढ़ी अपने देश के छुपाए गए इतिहास को जानना चाहता है जो आज तक इनसे छुपा कर रखा गया था पंडित श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी भी इसी कश्मीर की धरती पर शहीद हुए थे इसीलिए आज हम भारतीय जनता पार्टी के लोग यह नारा लगाते हैं कि जहां बलिदान हुए मुखर्जी वह कश्मीर हमारा है वह कश्मीर हमारा है जो सारा का सारा है कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए किस प्रकार के कृत्य किए हैं वह इस कश्मीरी फाइल्स फिल्म दिखाई देता है उस समय हजारों की संख्या में कश्मीरी हिंदुओं की हत्या की गई उन्हें अपने घर और जमीन से बेदखल होना पड़ा आज भी कश्मीरी पंडितों को अपने ही देश में शरणार्थी बनकर रहना पड़ रहा है मैं बार-बार दोहराती हूं की

इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए यह राजनीति से परे है यह उन कश्मीरी पंडितों के दर्द को और तकलीफ को महसूस करने का समय है छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री जी ने जो इस पर राजनीति की है मैं उसकी घोर निंदा करती हूं और सभी देशवासियों से आग्रह करती हूं कि इस फ़िल्म को एक बार जरूर देंखे

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