Indian News : आजकल सभी के एकाउंट्स किसी न किसी बैंक में होते ही है. ऐसे में बैंक ग्राहकों के लिए जरूरी खबर है. भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने 2 सहकारी बैंकों पर जुर्माना लगाया. इनमें से एक पुणे स्थित राजगुरुनगर सहकारी बैंक और दूसरा गुजरात का को-ऑपरेटिव बैंक ऑफ राजकोट है. राजगुरुनगर सहकारी बैंक पर 4 लाख रुपये और दूसरे को-ऑपरेटिव बैंक ऑफ राजकोट पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
RBI की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, राजगुरुनगर सहकारी को ब्याज दरों व डिपॉजिट संबंधी केंद्रीय बैंक के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया है. वहीं, को-ऑपरेटिव बैंक ऑफ राजकोट ने जागरुकता योजना संबंधी नियमों की अवहेलना की है. ऐसे में, केंद्रीय बैंक को ये कदम उठाना पड़ा है.
आरबीआई ने इसके लिए जांच के आदेश दिए थे. जांच रिपोर्ट में सामने आया कि राजगुरुनगर सहकारी बैंक ने मृत खाताधारकों के चालू खातों में पड़ी राशि को उसके दावेदारों को नहीं सौंपा. ऐसे में दावेदारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. आरबीआई ने बैंक को इससे पहले नोटिस जारी किया था, लेकिन आरबीआई बैंक के लिखित जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ और उस पर दिशा-निर्देशों को उल्लंघन को लेकर पेनल्टी लगा दी.
केंद्रीय बैंक ने बयान जारी कर बताया कि यह जुर्माना बैंक को बैंकिंग रेग्युलेशन एक्ट 1949 की धारा 56, धारा 46 (4) और धारा 47ए (1) (सी) के अंतर्गत दोषी पाए जाने के कारण लगाया है. हालांकि इस कदम पर आरबीआई ने कहा कि इस आदेश से बैंक के किसी लेनदेन या ग्राहकों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
अब बात करते हैं को-ऑपरेटिव बैंक ऑफ राजकोट की तो इसे लेकर आरबीआई ने बताया कि बैंक के वित्तीय दस्तावेजों की जांच में पता चला कि उसने जमाकर्ता एजुकेशन व अवेयरनेस फंड में करीब 10 साल से अधिक समय से रखी राशि को ट्रांसफर नहीं किया था. दरअसल, यह भी उपरोक्त सेक्शंस की अवहेलना है. इस पर केंद्रीय बैंक ने बैंक को नोटिस जारी किया. बैंक से लिखित व मौखित जवाब मिलने के बाद आरबीआई ने तय किया कि बैंक पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए. हालांकि आपको बता दें कि इस फैसले से भी बैंक के ग्राहकों या किसी ट्रांजेक्शन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।