Indian News : नईदिल्ली । वाराणसी के 126 साल के स्वामी शिवानंद को भारतीय जीवन पद्धति और योग को बढ़ावा देने के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। सोमवार को राष्ट्रपति भवन में जब वह सम्मान लेने के लिए पहुंचे तो हर किसी की नजर उनकी सादगी पर थी। राष्ट्रपति भवन में शीश नवाकर चर्चा में आए स्वामी शिवानंद के बारे में हर कोई जानना चाहता है। खासतौर पर उनकी लंबी आयु का राज जानने में लोगों की दिलचस्पी है। इस बारे में कुछ साल पहले उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि रोजाना य़ोग करने के अलावा सेक्स और मसालों से दूरी उनकी लंबी उम्र का राज है।

पद्म पुरस्कार लेने से पहले स्वामी शिवानंद पीएम मोदी के सामने नतमस्तक हो गए. पुरस्कार लेने से पहले स्वामी शिवानंद पीएम मोदी को नमस्कार करने घुटनों के बल बैठ गए. शिवानंद के ये भाव देखकर पीएम मोदी भी अपनी कुर्सी से उठकर शिवानंद के सम्मान में झुक गए। सीडीएस जनरल बिपिन रावत को मरणोपरांत पद्म विभूषण पुरस्कार दिया गया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जनरल बिपिन रावत की बेटी कृतिका और तारिणी को पुरस्कार दिया. उनके अलावा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पैरालंपिक रजत पदक विजेता देवेंद्र झाझरिया को पद्म भूषण से सम्मानित किया. वहीं SII के एमडी साइरस पूनावाला को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है.

स्वामी शिवानंद ने बताया था कि वह सेक्स से दूर रहते हैं और मसालों का भी सेवन नहीं करते हैं। इसके अलावा रोजाना योग करना उनके जीवन का हिस्सा है। शिवानंद के पासपोर्ट के मुताबिक उनका जन्म 8 अगस्त, 1896 को हुआ था। 19वीं सदी के अंत में जन्मे स्वामी शिवानंद को आज 21वीं सदी के 2022 में सम्मान मिला है। इस तरह वह 126 साल के हो गए हैं और तीन सदियां देख चुके हैं। वह अब भी घंटों योग करते हैं। बेहद गरीब परिवार में जन्मे स्वामी शिवानंद ने संन्यास की राह चुन ली थी। इसके अलावा अपनी जिंदगी को योग और भारतीय जीवन पद्धति को समर्पित कर दिया।




दूध और फलों का भी नहीं करते हैं सेवन- कोलकाता में न्यूज एजेंसी एएफपी से बातचीत में स्वामी शिवानंद ने कहा था, ‘मैं सादगी भरी और अनुशासित जिंदगी जीता हूं। मैं बेहद सादा भोजन करता हूं, जिसमें सिर्फ उबला खाना शामिल होता है। इसमें किसी भी तरह का तेल या फिर मसाला नहीं होता है। दाल, चावल और हरी मिर्च आमतौर पर मैं खाता हूं।’ 5 फुट 2 इंच लंबे स्वामी शिवानंद एक चटाई पर ही सोते हैं। यही नहीं वह कहते हैं कि मैं दूध और फल भी नहीं खाता हूं क्योंकि ये फैन्सी फूड हैं। मैं तो बचपन में कई बार भूखा भी सोया हूं। खुद को दुनिया का सबसे लंबी उम्र का व्यक्ति बताए जाने के दावे पर भी उन्होंने कहा था कि मैं कभी प्रचार में यकीन नहीं करता हूं, लेकिन मेरे अनुयायियों का कहना था कि मुझे ऐसा दावा करना चाहिए।

आज भी अकेले ट्रेन में करते हैं यात्रा, 6 साल की उम्र में गुजर गए थे माता-पिता- स्वामी शिवानंद ने महज 6 साल की उम्र में ही अपने माता-पिता को खो दिया था। इसके बाद उनके रिश्तेदारों ने उन्हें एक आध्यात्मिक गुरु को सौंप दिया था, जिनके साथ उन्होंने देश भर की यात्राएं की थीं। वह आज भी एकदम फिट हैं और अकसर ट्रेन में अकेले ही यात्रा करते हैं। अंग्रेजी राज में जन्मे शिवानंद कहते हैं कि आज भी उन्हें तकनीक से जुड़ने में कोई रुचि नहीं है और पुराने ढंग से ही जीवन गुजार रहे हैं। वह संतोषी जीवन को महत्व देते हैं। स्वामी शिवानंद कहते हैं, ‘पहले लोग कम चीजों के साथ ही खुश रहते थे। आज लोग नाखुश हैं, बीमार हैं और ईमानदारी भी कम हो गई है। इससे मुझे बहुत दुख होता है। मैं चाहता हूं कि लोग खुश रहें, स्वस्थ रहें और शांतिपूर्ण जीवन गुजारें।’


कौन हैं विश्वमूर्ति शास्त्री? प्रोफेसर विश्वमूर्ति शास्त्री संस्कृत के विद्वान हैं। वे जम्मू कश्मीर के निवासी हैं जो रणबीर कैंपस जम्मू में 2006-2011 तक प्राचार्य रहे। इसके साथ ही वर्ष 2011 के बाद वो मनोनीत चांसलर (कुलपति) भी रहे। मिली जानकारी के मुताबिक प्रो. शास्त्री संस्कृत पर 8 ग्रंथ लिख चुके हैं। इस वक्त वो प्रकाशन के अधीन हैं। साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में सम्मानित होने वाले विश्वमूर्ति शास्त्री माता वैष्णो देवी गुरुकुल चरण पादुका कटड़ा के निदेशक भी रह चुके हैं। यही नहीं प्रो. शास्त्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के सदस्य भी हैं और इनके प्रवचन नवरात्रि के दौरान वैष्णो देवी दरबार से प्रसारित किए जाते हैं।

आजाद पर कांग्रेस में हुआ था घमासान- गुलाम नबी आजाद को पद्म पुरस्कार की घोषणा के बाद कांग्रेस में भी घमासान शुरू हो गया था। कपिल सिब्बल समेत अन्य नेताओं ने अपनी पार्टी पर तंज कसते हुए कहा था कि, पार्टी को उनकी जरूरत नहीं जबकि देश उनका सम्मान कर रहा है। बता दें कि 2008 के बाद पद्म पुरस्कार पाने वाले गुलाम नबी आजाद दूसरे कांग्रेसी नेता हैं। 2008 में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को पद्म विभूषण से नवाजा गया था। उस दौरान वे यूपीए सरकार में मंत्री भी थे।

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