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जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या के मामले की जांच जापान की प्रीमियम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी NPA (नेशनल पुलिस एजेंसी) करेगी। होम मिनिस्ट्री ने देर रात इस बारे में आदेश जारी कर दिए। इस बीच, जापान टाइम्स ने खबर दी है कि शिंजो की हत्या के आरोप में मौके से गिरफ्तार 42 साल के यामागामी तेत्सुया ने हाल ही में नौकरी से इस्तीफा दिया था। नौकरी छोड़ने की वजह उसने थकान बताई थी।

सुरक्षा में लापरवाही तो नहीं हुई
‘जापान टाइम्स’ के मुताबिक, सबसे पहले जांच इस बात की होगी कि कहीं पूर्व प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कोई लापरवाही तो नहीं हुई। इससे जुड़े तमाम सवाल जांच एजेंसी एनपीए खंगालेगी। हत्या वाली जगह को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। माना जा रहा है कि अमेरिकी जांच एजेंसियां भी इस मामले में जापान की मदद कर सकती हैं।




सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि हथियार लेकर आरोपी शिंजो के ठीक पीछे पहुंच कैसे गया। उस वक्त आबे की सिक्योरिटी में मौजूद अफसर उस पर नजर क्यों नहीं आए। अगर ये अफसर एक्टिव होते तो शिंजो पर निशाना लगा रहे आरोपी को दबोच सकते थे।

चुनाव नहीं टलेंगे
जापान में रविवार को होने वाले चुनाव तय वक्त पर होंगे। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी। एक सूत्र के मुताबिक- एक देश के तौर पर अगर हम चुनाव टालते हैं तो इसका मतलब यह होगा कि हमने चंद सिरफिरों के आगे घुटने टेक दिए। सरकार अब हर आदमी और खासतौर पर वीवीआईपी की सुरक्षा पर नए सिरे से विचार करेगी। हर जरूरी और सख्त कदम उठाया जाएगा। हाउस ऑफ काउंसलर्स के इलेक्शन टालने या रद्द करने का सवाल ही पैदा नहीं होता।

एक पुलिस अफसर ने कहा- हमारे पास कुछ बेहद सीक्रेट जानकारी आ चुकी है। इस पर कुछ भी कहना जांच को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। लिहाजा, लोगों को सिर्फ वही बताया जाएगा, जो बताने लायक है।

हत्यारे ने हाल ही में छोड़ी थी नौकरी
शिंजो की हत्या के आरोपी यामागामी तेत्सुया ने 20 साल की उम्र में नेवी ज्वॉइन की थी। हालांकि, वो उस विंग में था, जहां उसके पास हथियार नहीं होते थे। 2005 में उसने नौकरी छोड़ दी थी। वो शुरू से नारा शहर के एक अपार्टमेंट में ही रहता था। उसके परिवार के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उसने हाल ही में एक मैक्यूफैक्चरिंग कंपनी से रिजाइन किया था। इस्तीफे की वजह थकान बताई थी।

इस कंपनी के मैनेजर ने जापान टाइम्स से कहा- ऐसा कभी नहीं लगा कि राजनीति में उसकी कोई रुचि है या उसे किसी नेता से नफरत है। हमने तो उसे कभी सियासत की बात करते भी नहीं देखा। उसने ग्रेजुएशन फेयरवेल बुक में लिखा था- नहीं जानता कि फ्यूचर में क्या करूंगा।

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