Indian News – जगद्गुरु नरेंद्राचार्य महाराज संस्थान नाणीजधाम के अंधश्रद्धा निर्मूलन उपक्रम के अंतर्गत 23 अप्रैल 2022 को चुरगिया मांगलिक प्रांगण, देवारभट बालोद (झलमला से धमतरी की ओर बालोद धमतरी मुख्य मार्ग पर) में समस्या मार्गदर्शन समारोह आयोजित है, आयोजकः स्व – स्वरूप संप्रदाय, भक्त सेवा मंडल छत्तीसगढ़, मनुष्य को अपने जीवन शैली से अंधश्रद्धा दूर कर सदा आध्यत्म विज्ञान को साथ लेकर व्यवहार करे, यह इस उपक्रम का मूल उद्द्देश है। जगदुरुश्री कहते है की हमे मन को अध्यात्मवादी, दृष्टि को विज्ञानवादी और बुद्धि को वास्तविकवादी रखना चाहिए। यदि इस विचारधारा से मनुष्य जीने की कोशिश करे तो उसके हाथो से सदा सतकर्म होंगे और उससे कभी गलतियां नहीं होंगी। प्रत्येक मनुष्य के हृदय में मोक्ष पाने की मनसा छिपी होती है, पर इस कलयुग में आज मनुष्य अपने निजी जीवन के समस्याओं में उलझकर मोक्ष के तरफ उसकी आकांक्षा होते हुए भी उस तरह ध्यान नहीं दे पाता, और स्वाभाविक रूप से यदि इतने समस्यों के उलझनों में मनुष्य दबा हुआ हो तो वह जीवन के सम्पूर्ण समय को उन उलझनों में व्यतीत करता है। मनुष्य किस तरह अपने समस्याओ से स्वयं बाहर आकर एक सुखद जीवन जीते हुए मोक्ष की राह पर चले इस हेतु से जगद्गुरु श्री स्वयं प्रत्येक लोगो के व्यक्तिगत रूप से उनकी समस्यों को सुनते है उस पर उन्हें मार्गदर्शन करते है। जगद्गुरु आध्यत्म विज्ञान व्यवहार के शास्त्र अनुसार समस्या से बाहर आने के लिए सभी को मार्गदर्शन करते है। कुछ लोग अपनी समस्याओं को दूर करने के लिए अंधश्रद्धा के मार्गो पर चलकर जीवन को और दुःख और दरिद्रता से भरते है, इसलिए उन्हें अंधश्रद्धा से मुक्त करने के लिए सही मार्ग प्रदर्शित कर सम्पूर्ण मानव समाज इस कलयुग में किस तरह आध्यत्म और विज्ञान के संतुलन बनाकर व्यवहार करे यह शिक्षा जगद्गुरु श्री देते है, जिससे आज करोडो लोगो के जीवन में धर्म और आध्यत्म की ओर रूचि बढ़ी है। आज इस युग में अच्छी शिक्षा होने के बाद भी लोग आध्यत्म से दूर होते जा रहे है, इसलिए आज लोगो के जीवन में सर्व सुविधा होकर भी आज जीवन में प्रेम,शांति,आनंद और ज्ञान की कमी दिखाई देती है। मनुष्य सिर्फ विज्ञान के सहारे जीने के प्रयास में है, विज्ञान में अत्यंत मुलभुत अंग है जीवन का पर मनःशांति अध्यात्म के बिना संभव नहीं है।

जगद्गुरुश्री अपने प्रवचनों और मार्गदर्शन के माध्यम से सम्पूर्ण जनमानस को भक्ति का महत्व समझाते है। जगद्गुरु श्री कहते है आज मनुष्य के अंतरमन और बहिरमन एकाग्र नहीं होने के वजह से मनुष्य स्वयं को दुःख से घिरा हुआ पाता है।मनुष्य के मन का स्वाभाविक गुण है चंचल होना यानी एकाग्र न होना। इसका चंचल गुण बार-बार हमें हमारे लक्ष्यों से विमुख करता रहता है। मनुष्य का मन उसको भावनाओं और कामनाओं के जाल में बांधकर भांति-भांति के कार्य करवाता है। हमारा मन हमारे शरीर रूपी रथ का सारथी होता है। इसका जिस ओर मन करता है वह उधर ही इसको ले जाता है। इसमें प्राय: गलत राह भी पकड़ ली जाती है। इसलिए अंतरमन और बहिरमन को एकाग्र करना बहुत आवश्यक है, और यह दोनों मन भक्ति से एक होती है जिसके वजह से मनुष्य की निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है, सही गलत की समझ बढ़ती है, प्रगलबता बढ़ती है, मन की चंचलता दूर होती है और संयम बढ़ता, कार्य को पूर्ण करने हेतु उत्साह और साहस बढ़ता है,भाव शुद्ध होते है आदि सकारात्मक परिणाम मनुष्य के जीवन में होते है।

हमे प्रपंच के साथ साथ परमार्थ भी करना चाहिए इसलिए जगद्गुरु श्री ने तीन सरल बातो का आव्हान किया है पहला की दिन में किसी भी समय कम से कम 10 मिनट एकग्रता से अपने प्रिय इष्टदेव जो आपको प्रिय हो उनकी भक्ति करे। दूसरा की सपने में भी किसी का बुरा मत सोचो। और तीसरा की ” आप जियो और दुसरो को जीने में सहायता करो”। अगर यह तीन बातो को कोई भी जीवन में अपनाकर जीवन शैली बना ले तो उसका प्रपंच भी संतुलित रहेगा और उसके हाथो से परमार्थ भी हो जायेगा।




जगद्गुरु श्री के “तुम जियो और दुसरो को जीने में सहायता करो” इस दिव्य प्रेरणा से प्रेरित होकर ज.न.म संस्थान द्वारा सम्पूर्ण भारत सहित विश्व में अनेक सामाजिक उपक्रम कार्यरत है, जैसे कि निः शुल्क अन्नदान सेवा, आर्थिक रूप से कमजोर बच्चो के उज्ज्वल भविष्य हेतु जुनियर के.जी. से ग्रेजुएशन तक निः शुल्क शिक्षा, विविध राष्ट्रीय मार्गो पर निः शुल्क एम्बुलेंस सेवा, सम्पूर्ण सुविधाओं के साथ निः शुल्क दो वर्षीय हायर डिप्लोमा इन पुरोहित कोर्स, निः शुल्क रक्तदान, प्राकृतिक आपदाओं में निः शुल्क सहायता, जरूरत मंद लोगो को स्वावलंबी बनाने हेतु निः शुल्क सहायता आदि सेवा कार्य समर्पित भाव से अनवरत चलाए जा रहे है। ऋषि और कृषि परमपरा हमारे भारत देश के अलौकिक अलंकार है, इसलिए दिनाँक 23 अप्रैल को संपन्न होने जा रहे समस्या मार्गदर्शन समारोह में छत्तीसगढ़ के आर्थिक रूप से कमजोर जरुरत मंद किसानो को निःशुल्क कृषि उपकरण भी वितरण किये जायेंगे।

नोट : समस्या मार्गदर्शन हेतु पर्ची सुबह 7 से 8 बजे के बीच मिलेगी

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