Indian News : मुंह या होंठों के आसपास की त्वचा कई बार डार्क या काली पड़ने लगती है. देखने पर ऐसा लगता है कि मुंह पर मैल जमने लगा है, जबकि ऐसा पिग्मेंटेशन (Pigmentation) या हाइपरपिग्मेंटेशन के कारण होता है. इससे चेहरे पर होठों के आसपास की त्वचा के साथ ही गालों और माथे पर भी काले धब्बे (Dark Spots) दिखने लगते हैं. यह दिक्कत किसी भी उम्र और स्किन टाइप वाले व्यक्ति को हो सकती है. अगर आपके मुंह के आसपास की त्वचा काली पड़नी शुरु ही हुई है तो दादी-नानी के समय से चले आ रहे कुछ ऐसे उपाय हैं जो आपकी इस समस्या को दूर करने में मददगार साबित हो सकते हैं. 

मुंह के आसपास काली त्वचा के घरेलू उपाय | Pigmentation Around Mouth Home Remedies 

नींबू का रस 


दाग-धब्बे दूर करने में नींबू भी कुछ कम असरदार नहीं है. नींबू में मौजूद सिट्रिक एसिड पिग्मेंटेशन को कम करने में सहायक है. आधा नींबू (Lemon) लें और मुंह के आसपास की काली स्किन पर 7-8 मिनट घिसें. ऐसा करने के बाद चेहरे को अच्छी तरह पानी से धो लें. आप चाहें तो नींबू में शहद मिलाकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं. वहीं, खीरे के रस के साथ मिलाकर भी इसे लगाया जा सकता है. 

ओटमील स्क्रब


पिग्मेंटेशन के लिए ओटमील स्क्रब (Oatmeal Scrub) तैयार करना बहुत ही आसान है. इस स्क्रब को बनाने के लिए टमाटर का गूदा और ऑलिव ऑयल लेकर ओटमील में मिला लें. अब चेहरे पर 2-3 मिनट स्क्रब करें. इससे स्किन एक्सफोलिएट होगी और डेड स्किन सेल्स भी हट जाएंगी.  





पपीता 


पपीता (Papaya) विटामिन ए और सी से भरपूर होता है. इसे दाग-धब्बे छुड़ाने में बेहद असरदार माना जाता है. आप पपीते के गूदे में गुलाबजल मिला कर पेस्ट तैयार करें और इसे पिग्मेंटेशन वाली जगह पर लगा लें. लगभग आधा घंटा लगाए रखने के बाद ठंडे पानी से धो लें. 

आलू 

काले धब्बों को हटाने में आलू भी बेहद असरदार है. इसे मुंह के आसपास की डार्क स्किन (Dark Skin) पर सीधा लगाया जा सकता है. एक आलू को दो हिस्सों में काट लें और उसके आधे भाग को मुंह की पिग्मेंटेशन वाली जगह पर घिसें. 5-7 मिनट आलू को गोलाई में घुमाने के बाद चेहरा पानी से धो लें. ब्लीचिंग गुण होने के चलते आलू तेजी से असर दिखाता है

Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि Indian News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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