Indian News : बेमेतरा | बेमेतरा जिला नगर पंचायत नवागढ़ में प्रथम महिला सांसद छत्तीसगढ़ की गौरव और सतनामी समाज की आराध्य माने जाने वाली मीनिमाता चौक का निर्माण नगर पंचायत ने बस स्टैंड के पास किया हुआं है पूर्व मंत्री दयालदास बघेल के कार्यकाल में निर्मित यह चौक सतनामी समाज के गौरवशाली इतिहास को और ममतामई मिनी माता के किए हुएं परोपकार को सम्मान देने और आदर्शों को आत्मसात करने की प्रेरणा देने स्थापित किया गया था |
वर्तमान विधायक गुरूदायल सिंह बंजारे ने सौंदर्य करण हेतू अपने मद से राशि दिया जिससे स्टील रेलिंग लाईट वैगारह लगाया गया मगर देखरेख के अभाव में चौक की स्थिति देखकर समाज के युवाओं के मन में अत्यंत रोष और पीड़ा हैं यहां यह बताना लाजिमी होगा की मिनी माता चौक को साल में दोबारा साफ सफाई कराकर अपना कर्तव्य निर्वहन कर नगरपंचायत इती श्री कर लेता हैं एक उनकी जन्म जंयती पर दूसरा पुण्यतिथि पर उसी दिन फौव्वार चलता हैं उसके बाद जैसे उस फौव्वार का पानी सुख जाता हैं और वहां लगे लाइट का बत्ती गुल हो जाता है कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा नगर पंचायत ने बकायदा वहां बोर्ड लगा रखा है की यहां दुकान लगाने पर 500 रूपया अर्थदंड लगेगा मगर 500 मीटर से भी कम दूरी पर नगरपंचायत भवन बना हुआं हैं जो कभी झांकने तक नहीं गया हैं |
मीनिमाता चौक की दूर्गति इस तरह समाज के विधायक और नगरपंचायत अध्यक्ष होने के बाद हैं तो दोष किसे दिया जाएं समाज के जो बड़े बड़े झडी दार भंडारी या मंहत बने हैं उन्हें या फिर जनप्रतिनिधि या प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारियों की उदासीनता को मगर जब तक समाज के लोग जाकर आवाज बुलंद नहीं करेंगे और अपने आराध्य मनाने वाले महापुरुषों के प्रति दिखावें को त्यागकर आस्था नहीं रखेंगे तब तक इसी तरह से मिनी माता चौक में गंदगी पसरा रहेगा और लोग वहां बैठकर गुटखा खाकर पाऊच कचड़ा फैलाकर उसे कचड़े दान में तब्दील करते रहेगें नगर पंचायत की बात करना और सुधार की अपेक्षा करना मुमकिन नहीं लगता क्योंकि नगरपंचायत के समाने बन रहें यादव समाज के नंदी चौक और मुख्य गेट सहित पूरे आसपास बस स्टैंड में ठेला वालों ने कब्जा जमा रखा हैं अब यह देखना लाजिमी होगा की नगर पंचायत स्थानीय जनप्रतिनिधि नींद से जागते हैं या नही मगर इतना तों जरूर हैं की आनेवाले समय में सतनामी समाज के युवाओं के द्वारा उग्र आंदोलन का रूपरेखा कभी भी बन सकता है और समाज की अस्मिता और सम्मान के लिए सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने मजबूर हो सकतें हैं।