Indian News : उज्जैन | मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में स्थित महाकालेश्वर मंदिर में बुधवार को वसंत पंचमी के अवसर पर विशेष भस्म आरती की गई | भस्म आरती (राख से अर्पण) यहां का एक प्रसिद्ध अनुष्ठान है। यह ‘ब्रह्म मुहूर्त’ के दौरान सुबह लगभग 3:30 से 5:30 बजे के बीच किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भस्म आरती में शामिल होने वाले भक्त की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मंदिर के पुजारी संजय गुरु ने बताया की, वसंत पंचमी के अवसर पर परंपरा के अनुसार बाबा महाकाल के कपाट ब्रह्म मुहूर्त में खोले गए और उसके बाद भगवान महाकाल को पंचामृत से पवित्र स्नान कराया गया | केसर, दूध, दही, घी, चीनी और शहद शामिल है।
इसके बाद बाबा महाकाल का पीले चंदन, पीले सरसों के फूल और गेंदे के फूलों से शृंगार किया गया। बाद में बाबा महाकाल को पीले वस्त्र से ढककर ढोल-नगाड़ों और शंखनाद के साथ भस्म आरती की गई। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर भगवान को पीले रंग की मिठाइयों का महाभोग अर्पित किया गया। पुजारी ने आगे कहा कि इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में भक्तों ने भस्म आरती में भाग लिया और भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया। पुजारियों ने सभी भक्तों की खुशहाली के लिए भगवान महाकाल से प्रार्थना भी की।
बसंत पंचमी का हिंदू त्योहार, जिसे वसंत पंचमी, श्री पंचमी और सरस्वती पंचमी के नाम से भी जाना जाता है, वसंत के पहले दिन मनाया जाता है और माघ महीने के पांचवें दिन पड़ता है। यह होली की तैयारियों की शुरुआत का भी प्रतीक है, जो त्योहार के चालीस दिन बाद होती है। विद्या, संगीत और कला की हिंदू देवी मां सरस्वती को पूरे त्योहार के दौरान सम्मानित किया जाता है। इस दिन पीले रंग का बहुत महत्व होता है। लोग त्योहार के लिए पीले कपड़े पहनते हैं, देवी सरस्वती की पूजा करते हैं और पारंपरिक खाद्य पदार्थ खाते हैं।
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