Indian News : नई दिल्ली | सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कोयंबटूर के आध्यात्मिक गुरु जग्गी वासुदेव के ईशा फाउंडेशन के खिलाफ मद्रास हाई कोर्ट द्वारा दिए गए जांच के आदेश पर रोक लगा दी है। यह रोक उस समय आई जब फाउंडेशन ने हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी, जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा।

मद्रास हाई कोर्ट के आदेश का विवाद : मद्रास हाई कोर्ट ने 30 सितंबर को पुलिस को ईशा फाउंडेशन के आश्रम में अवैध रूप से बंधक बनाए जाने के आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया था। इसके बाद पुलिस की 150 अधिकारियों की टीम ने आश्रम में छापा मारा। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस जांच के आदेश पर रोक लगा दी और मामले को अपने पास ट्रांसफर कर लिया।

Indian News के WhatsApp Channel से जुड़े




महिलाओं की स्वतंत्रता का मुद्दा : सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सुनवाई के दौरान दो महिलाओं से बातचीत की, जिन्होंने स्पष्ट किया कि वे अपनी मर्जी से आश्रम में रह रही हैं। महिलाओं ने कहा कि उनका रहना स्वैच्छिक है और उन्हें कोई जबरन नहीं रोक रहा है। इस पर बेंच ने टिप्पणी की कि उनकी गवाही से यह स्पष्ट होता है कि आश्रम में उनकी इच्छा के खिलाफ कोई स्थिति नहीं है।

ऑटोरिक्शा पर लिखा स्लोगन वायरल, सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस….| Karnataka

पुलिस की कार्रवाई पर सवाल : सुप्रीम कोर्ट ने मामले में मद्रास हाई कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों पर सवाल उठाया। कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट ने ईशा फाउंडेशन की जांच का निर्देश देने के लिए कोई ठोस कारण नहीं दिया, जिससे इस तरह के आदेश के कानूनी आधार पर सवाल उठता है। इसके साथ ही, पुलिस को निर्देश दिया गया कि वह आगे कोई कार्रवाई न करे।

मामले की अगली सुनवाई : सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को निर्धारित की है। इस दौरान, पुलिस को स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। यह मामला एक सेवानिवृत्त प्रोफेसर द्वारा दायर की गई बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर आधारित है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनकी बेटियों को ईशा फाउंडेशन में रहने के लिए “ब्रेनवॉश” किया गया है।

@Indiannewsmpcg

Indian News

7415984153

You cannot copy content of this page