Indian News : दिल्ली ।  दर-दर भटकने के बाद आखिरकार अब सुप्रीम कोर्ट ने 5 साल की उम्र में अनाथ हुए बच्चे के लिए अच्छी खबर दी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उसे अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने का आदेश दिया हैं। आदेश के बाद अब 5 साल की उम्र में अनाथ हुए यूपी के बच्चे को 19 वर्ष अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी जाएगी। वहीं इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तरप्रदेश सरकार को फटकार लगते हुए कहा कि अगर यह ‘गलत नजीर’ है तो गलत ही सही।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश हेमंत गुप्ता और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की उस दलील को खारिज कर दिया कि इतने वर्षों के बाद अनुकंपा के आधार पर नौकरी देना गलत नजीर बनेगा। पीठ ने कहा, अगर यह गलत नजीर है तो गलत ही सही।

जाने पूरा मामला

सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका के मुताबिक गणेश की मां गीता देवी शुक्ला जिला रमाबाई नगर (कानुपर देहात) के एक प्राथमिक विद्यालय में सहायक शिक्षक थीं। 13 मार्च 2003 को गीता देवी की मृत्यु हो गई। उस वक्त गणेश की उम्र महज पांच वर्ष थी जबकि उसकी बहन आठ वर्ष की थी। पिता की मृत्यु पहले ही हो गई थी।

छोटी सी उम्र में अनाथ हुए बच्चों को नाना ने पाला पोसा। विभाग ने गीता देवी का बकाया/फंड याचिकाकर्ता को नहीं दिया। जिसके बाद 2016 में ट्रिब्यूनल ने संबंधित अथॉरिटी से परिवार पेंशन देने का आदेश दिया। इस आदेश का पालन न होने पर अवमानना याचिका दायर की गई तब जाकर पेंशन जारी हुई, लेकिन अनुकंपा पर नौकरी को लेकर उसे राहत नहीं मिली।

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