सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कर्नाटक हाई कोर्ट के सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट की नजर है.

Indian News – कर्नाटक हिजाब विवाद (Karnataka Hijab Row) पर आज सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई हुई. कर्नाटक के स्कूल एवं कॉलेजों में हिजाब पहनने पर रोक के खिलाफ दायर अर्जी पर (Supreme Court) ने तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है. चीफ जस्टिस (CJI) एनवी रमन्ना की बेंच ने कहा कि उचित समय पर हम इस अर्जी पर सुनवाई करेंगे. इसके साथ ही अदालत ने अर्जी दाखिल करने वालों को नसीहत दी है कि वे इस मामले को ज्यादा बड़े लेवल पर न फैलाएं. चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना की बेंच ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे इसे राष्ट्रीय मुद्दा न बनाएं. अदालत ने साफ तौर पर कहा कि इस मसले पर याचिकाकर्ताओं को हाई कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए, जहां सोमवार को एक बार फिर से सुनवाई होनी है.

एसजी तुषार मेहता को बीच में रोकते हुए सीजेआई ने कहा कि हम सभी नागरिकों के मौलिक अधिकारों के संरक्षण के लिए बैठे हैं. समुचित समय आने पर हम सुनेंगे.उचित समय पर शीर्ष अदालत की ओर से दखल दिया जाएगा. अदालत ने कहा कि सही समय पर वह इस मसले पर सुनवाई करेगी. शीर्ष अदालत ने केस की सुनवाई करते हुए कहा, ‘हम देख रहे हैं कि कर्नाटक में क्या हो रहा है और मामला हाई कोर्ट में लंबित है.




कांग्रेस नेता बीवी श्रीनिवास राव ने दायर की याचिका

याचिकाकर्ताओं ने कर्नाटक हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की थीं. इसमें कांग्रेस नेता बीवी श्रीनिवास राव की याचिका भी थी. इससे पहले गुरुवार को कर्नाटक हाईकोर्ट की तीन जजों की बेंच ने अगले आदेश तक स्कूल कॉलेजों में धार्मिक पोशाक पहनने पर रोक लगाई थी.हाईकोर्ट के जिस फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी गई है. उस फैसले में कहा गया है कि जब तक यह विवाद सुलझ नहीं जाता तब तक छात्राओं को शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब और ऐसी कोई धार्मिक पोशाक पहनने की इजाजत नहीं होगी, जिसके कारण यह विवाद तूल पकड़ ले.

गौरतलब है कि हिजाब को लेकर छिड़ा विवाद कर्नाटक के बाहर भी फैलने लगा है. महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, दिल्ली समेत कई राज्यों में हिजाब के समर्थन में प्रदर्शन किए गए हैं. इन प्रदर्शनों में कहा गया है कि हिजाब चॉइस का मामला है और संविधान के तहत यह अधिकार है. ऐसे में इसके लिए अनुमति दी जानी चाहिए.

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