Indian News : नई दिल्ली। अदाणी-हिंडनबर्ग मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रखा लिया। कोर्ट ने सभी पक्षों को 27 नवंबर तक लिखित दलीलें जमा करवाने को कहा है। सुनवाई के दौरान इस बात पर भी चर्चा हुई कि भविष्य के लिए शेयर बाजार का कामकाज कैसे बेहतर बनाया जा सकता है।
हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में किए गए खुलासे को लेकर याचिकाकर्ता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट को सत्य बयान के तौर पर नहीं मान सकते हैं. शीर्ष अदालत ने आगे कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट की सत्यता परखने का कोई साधन नहीं है, जिस कारण उसने SEBI से इस मामले की जांच करने को कहा है।
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सेबी की जांच पर संदेह के लिए साक्ष्य कहां?
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने याचिकाकर्ता से सवाल करते हुए कहा कि सेबी (SEBI) की जांच पर संदेह करने वाले साक्ष्य कहां हैं? यह सवाल तब कोर्ट ने किया जब याचिकाकर्ताओं ने कहा कि सेबी ने जांच पूरी कर ली है, लेकिन खुलासा नहीं किया है। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम जांच से पहले ही सेबी की जांच का आंकलन कैसे कर सकते हैं।
SEBI ने भी जमा की थी जांच रिपोर्ट
इसके पहले मार्केट रेगुलेटर SEBI ने अदाणी हिंडनबर्ग मामले में अपने जांच की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी थी। SEBI ने बताया था कि 24 मामलों की जांच में 22 की जांच पूरी की जा चुकी है और 2 के नतीजे आना अभी बाकी हैं। SEBI ने ये भी बताया था कि उन्हें बाहरी एजेंसीज से 2 मामलों की जांच की जानकारी मिलने का इंतजार है और जांच के फाइनल नतीजों के बाद ही आगे के लिए उचित कदम उठाएंगे।
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