Indian News : पुणे (ए)। महाराष्ट्र में वर्ष 2020 के दौरान आयोजित राज्यव्यापी शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) परिणाम में कथित धांधली को लेकर पुलिस ने ठाणे में एक IAS Officer को गिरफ्तार किया है. एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अदालत ने उपसचिव स्तर के इस अधिकारी को 31 जनवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
कृषि विभाग के उपसचिव हैं सुशील खोडवेकर
अधिकारी ने बताया कि कृषि विभाग के उपसचिव के रूप में कार्यरत 47 वर्षीय सुशील खोडवेकर पर आरोप है कि उन्होंने कुछ आरोपियों से पैसे लेकर काली सूची से एक कंपनी को बाहर कर दिया. खोडवेकर को इस मामले की जांच कर रही पुणे पलिस की साइबर शाखा ने गिरफ्तार किया. पुणे पुलिस के अधिकारी ने कहा, ‘सुशील खोडवेकर को ठाणे से गिरफ्तार किया गया है. उन्हें आज अदालत में पेश किया गया.’
अब तक 13 गिरफ्तार
इसके साथ ही इस मामले में गिरफ्तार लोगों की संख्या 13 हो गयी है. पुलिस ने गत शुक्रवार को कहा था कि परीक्षा में शामिल 7,800 अभ्यर्थियों के अंकों में पैसे लेकर कथित तौर पर फेरबदल की गयी थी. इसके पहले इस मामले में महाराष्ट्र राज्य परीक्षा परिषद (एमएससीई) के आयुक्त तुकाराम सुपे (अब निलंबित) समेत करीब 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तार लोगों में परीक्षा का आयोजन करने के लिए जिम्मेदार जीए सॉफ्टवेयर कंपनी के निदेशक प्रीतेश देशमुख और शिक्षा विभाग के सलाहकार अभिषेक सावरिकर भी शामिल हैं।
चार करोड़ कैश, स्वर्णाभूषण व फिक्स्ड डिपॉजिट का पता चला
पुलिस ने बताया कि इस मामले में अब तक चार करोड़ रुपये नकद, स्वर्ण आभूषण और सावधि जमा के कई दस्तावेज बरामद किये जा चुके हैं. पुणे साइबर पुलिस थाने के निरीक्षक कुमार घाडगे ने कहा कि जब घोटाला सामने आया, तो शिक्षा विभाग में तैनात खोडवेकर ने अन्य आरोपियों से कथित तौर पर लाखों रुपये लिये।
ऐसे हुआ खुलासा
घाडगे ने कहा, ‘जीए सॉफ्टवेयर को सरकार ने पहले ब्लैकलिस्ट किया था, लेकिन खोडवेकर ने कथित तौर पर सुपे को ब्लैकलिस्ट से हटाने का निर्देश दिया था.’ अधिकारी ने कहा कि प्रीतेश देशमुख और सुपे ने (सह-आरोपी) मनोज डोंगरे के जरिये खोडवेकर को कथित तौर पर लाखों रुपये का भुगतान किया. निरीक्षक घाडगे ने कहा कि सावरिकर और देशमुख के मोबाइल फोन के विश्लेषण से भी खोडवेकर की संलिप्तता की जानकारी सामने आयी है।