Indian News : अशोक नगर की रहने वाली कांता डिलीवरी के बाद काफी देर तक बेसुध थीं । जब उन्हें होश आया और बेटी को देखा तो उनके मुंह से निकला जानकी । 51 साल की कांता के लिए 22 जनवरी का दिन दोगुनी खुशी लेकर आया । शादी के 35 साल बाद उनके घर किलकारी गूंजी । दूसरा, इसी दिन अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई |

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22 जनवरी का दिन उन महिलाओं के लिए यादगार बन गया, जब उन्होंने अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के मौके पर संतान को जन्म दिया । भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर समेत प्रदेशभर के कई अस्पतालों में किलकारी गूंजी । इनमें ऐसे परिवार भी थे, जिनके घर 12 साल तो किसी के घर 10 साल बाद बच्चों ने जन्म लिया । किसी ने अपने बच्चे का नाम राम रखा तो किसी ने राघव । बेटियों का नाम सीता और वैदेही रखा गया । ये महिलाएं खुद को और अपने बच्चों को भाग्यशाली मान रही हैं । रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के दिन संतान के जन्म पर उनके परिवार में भी खुशी का माहौल है ।




22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के शुभ मौके पर बच्चों को जन्म देने के लिए कई महिलाओं ने इसी दिन को चुना था । इसके लिए अस्पतालों में भी खास इंतजाम किए गए थे । कई अस्पतालों में ऑपरेशन थिएटर में प्रसूताओं के साथ स्टाफ ने भगवान राम का जयकार लगाते हुए पूजा अर्चना की । अस्पतालों में स्क्रीन पर समारोह की लाइव स्ट्रीमिंग की गई। इधर अयोध्या में रामलला विराजमान हुए उधर महिलाओं ने बच्चों को जन्म दिया । परिजन के साथ-साथ डॉक्टर भी खुशी से झूम उठे।

अशोक नगर की रहने वाली कांता बागड़ी को शादी के 35 साल बाद खुशियों की सौगात मिली। 51 साल की कांता बागड़ी कहती हैं कि वे इस दिन का कई सालों से इंतजार कर रही थीं । कांता की प्रेग्नेंसी में कई मुश्किलें थीं। उन्होंने भोपाल में डिलीवरी का फैसला लिया। वे कहती हैं प्रभु राम मेरी परीक्षा ले रहे थे। डिलीवरी के बाद मुझे होश नहीं था। जब आंख खुली तो नन्ही सी बेटी को देखकर मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। प्रभु राम अपने मंदिर में विराजित हुए और मेरी झोली खुशियों से भर दी। कांता ने अपनी बेटी का नाम जानकी रखने का फैसला किया है ।

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इंदौर के सरकारी एमटीएच अस्पताल में सोमवार को 14 डिलीवरी हुई । इनमें 6 लड़के और 8 लड़कियां हैं । रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के मुहूर्त दोपहर 12:00 से 12:30 के बीच 4 बच्चों ने जन्म लिया । इनमें 2 लड़के हैं । इंदौर के पीसी सेठी हॉस्पिटल में दोपहर तक 10 डिलीवरी हुई है । दरअसल कई महिलाओं ने डिलीवरी की तय तारीख से पहले ही 22 जनवरी के दिन बच्चे को जन्म देने की इच्छा डॉक्टरों के सामने जताई थी । जिस पर डॉक्टर ने उनकी स्थिति देखते हुए उचित सलाह दी थी ।

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