Indian News : बेमेतरा | कलेक्टर ने आज संयुक्त जिला कार्यालय के दिशा-सभाकक्ष में महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों कर्मचारी एवं सुपरवाइजर की बैठक लेकर उनके योजनाओं तथा उनसे संबंधित विभिन्न गतिविधियों के बारे में विस्तारपूर्वक समीक्षा की।
जिलाधीश ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाड़ी सेविकाओं से लक्ष्य के अनुरूप आधार एनरोलमेंट का कार्य संपन्न कराया जाय साथ ही कार्य में शिथिलता एवं कोताही बरतने वाली आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं सुपरवाइजर पर कार्रवाई की जाए। उन्होने सभी सेक्टरों पर निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप कार्य नहीं होने व ऑनलाइन पोर्टल में एंट्री नहीं करने पर पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि प्रत्येक आंगनबाड़ी सेविकाओं की भूमिका सुनिश्चित करें और 15 दिवस के अंदर सभी ऑनलाइन एंट्री करके लक्ष्य पूर्ण करें। उन्होंने कहा कि समय सीमा में लक्ष्य पूर्ण नहीं होने की स्थिति में और लापरवाही बरतने वाले सभी संबंधित कर्मचारियों का वेतन रोका जायेगा। उन्होने विभाग द्वारा किए गए सारे कार्यों को आंकड़ों के साथ नियमित रुप से एमआईएस में ऑनलाइन एंट्री समय पर करने के निर्देश दिए।
श्री एल्मा ने जिले के सभी ब्लॉक में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र को नियमित समय पर खोलने तथा गुणवत्तापूर्ण भोजन व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को गर्म भोजन के साथ अतिरिक्त पोषण आहार में अंडा, रेडी टू ईट दिया जाए। बच्चों के परिजनों को भी पोषणयुक्त आहार की जानकारी दें और उसका पालन करने प्रेरित करें। उन्होने विभाग के अधिकारियों को सुपोषण अभियान के तहत सुपोषण चौपाल आयोजित करने के लिए कहा, ताकि आमजनों तक सीधी जानकारी पहुंचाई जा सके। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों में सुपोषण चौपाल का आयोजन किया जाए, जिससे गांव के लोगों से परिचय हो सके और वे खान-पान के प्रति जागरूक हो सके।
उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत सखी वन स्टॉप सेंटर में रहने वाली महिलाओं की संवेदनशीलता के साथ देखरेख करने एवं उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने के प्रयासों पर कार्य करने कहा। इसी प्रकार उन्होंने गंभीर कुपोषित बच्चों को सुपोषित बनाने के लिए विशेष निगरानी के साथ उपचार कराने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत शून्य से 06 वर्ष तक के बच्चों में कुपोषण को दूर करने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों में पूरक पोषण आहार देने तथा गर्भवती महिलाओं का शत प्रतिशत एएनसी चेकअप, पंजीयन और उनका हिमोग्लोबिन टेस्ट कराने तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से गरम भोजन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। प्रत्येक आंगनबाड़ी भवन में बिजली, पंखे, पानी, शौचालय सहित मूलभूत व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए, इस पर विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। उन्होने जिले में कुपोषण दर में कमी लाने के लिए संबंधित अधिकारियों को सतत मॉनिटरिंग के साथ-साथ मेहनत और लगन के से कार्य करने को कहा।
कलेक्टर ने बैठक में समीक्षा करते हुए कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग के मैदानी अमले के साथ आपसी सामंजस्य बनाकर महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए कार्य करें। इसके लिए आंगनबाड़ी, स्कूल एवं गांवों में सर्वे कर हितग्राहियों का चिन्हांकन करें, जिससे गंभीर मरीजों का बेहतर इलाज किया जा सके। उन्होंने कहा की कोई भी गंभीर बीमारी से ग्रसित बच्चा छुटने ना पाए इसका विशेष ध्यान रखें। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुपरवाईजर को चिरायु टीम के माध्यम से अधिक से अधिक बच्चों को लाभ दिये जाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराते हुए चिन्हांकित बच्चों का एनआरसी के माध्यम से लाभ देने के लिए कहा है। बैठक में जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी बी.डी.पटेल, परियोजना अधिकारी सहित सुपरवाइजर उपस्थित थे।
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