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फ्रांस की एक अदालत ने नवंबर 2015 में पेरिस में कई जगहों पर हमला कर 130 लोगों की जान लेने वाले आतंकी हमलों के एकलौते जिंदा बचे गुनहगार को सजा सुना दी है। इस घटना में 490 लोग घायल भी हुए थे। कोर्ट ने बुधवार को सलाह अब्देस्सलाम नाम के इस आतंकी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उसे अपनी पूरी जिंदगी अब जेल की चारदीवारी में ही काटनी पड़ेगी, और उसे कोई परोल नहीं मिलेगी। सुनवाई के दौरान अब्देस्सलाम ने खुद को गुनहगार मानने से इनकार करते हुए कहा कि वह इसके लिए पहले ही माफी मांग चुका है।
अदालत ने 20 लोगों को पाया हमले का दोषी
फ्रांस की कोर्ट ने 2015 में बाटाक्लान थिएटर, पेरिस कैफे और फ्रांस के नेशनल स्टेडियम में इस्लामिक स्टेट के आतंकी हमलों से संबंधित आरोपों में 20 लोगों को दोषी पाया है। फ्रांस के इतिहास में इन भीषणतम हमलों में कम से कम 130 लोग मारे गए थे। सिटिंग जज जीन-लुई पेरीज ने बुधवार को 9 महीने से चल रहे मुकदमे में फैसला सुनाया। मुख्य संदिग्ध, सलाह अब्देसलाम आतंकी योजना के तहत हत्या करने और हत्या के प्रयास सहित अन्य कई आरोपों में दोषी पाया गया।
‘मुझे गुनहगार ठहराया तो यह नाइंसाफी होगी’
अब्देस्सलाम ने सुनवाई के दौरान खुद को बेगुनाह बताया। उसने कहा कि यदि इस मामले में उसे सजा होती है तो यह नाइंसाफी होगी। उसने कहा, ‘मैंने गलतियां की हैं, लेकिन मैं हत्यारा नहीं हूं। मैं कातिल नहीं हूं। यदि तुम मुझे हत्या के लिए गुनहगार ठहराओगे, तो तुम नाइंसाफी करोगे। मुझे पीड़ितों के लिए दुख है। मैं पहले ही माफी मांग चुका हूं। कुछ लोग कहेंगे कि मैंने ऐसे ही माफी मांग ली है, यह मेरी रणनीति है। 130 लोग मारे गए, 400 से ज्यादा लोग पीड़ित हुए, इतने ज्यादा कष्ट के लिए कौन ऐसे ही माफी मांगता है?’
अदालत ने 20 लोगों को पाया हमले का दोषी
फ्रांस की कोर्ट ने 2015 में बाटाक्लान थिएटर, पेरिस कैफे और फ्रांस के नेशनल स्टेडियम में इस्लामिक स्टेट के आतंकी हमलों से संबंधित आरोपों में 20 लोगों को दोषी पाया है। फ्रांस के इतिहास में इन भीषणतम हमलों में कम से कम 130 लोग मारे गए थे। सिटिंग जज जीन-लुई पेरीज ने बुधवार को 9 महीने से चल रहे मुकदमे में फैसला सुनाया। मुख्य संदिग्ध, सलाह अब्देसलाम आतंकी योजना के तहत हत्या करने और हत्या के प्रयास सहित अन्य कई आरोपों में दोषी पाया गया।
‘मुझे गुनहगार ठहराया तो यह नाइंसाफी होगी’
अब्देस्सलाम ने सुनवाई के दौरान खुद को बेगुनाह बताया। उसने कहा कि यदि इस मामले में उसे सजा होती है तो यह नाइंसाफी होगी। उसने कहा, ‘मैंने गलतियां की हैं, लेकिन मैं हत्यारा नहीं हूं। मैं कातिल नहीं हूं। यदि तुम मुझे हत्या के लिए गुनहगार ठहराओगे, तो तुम नाइंसाफी करोगे। मुझे पीड़ितों के लिए दुख है। मैं पहले ही माफी मांग चुका हूं। कुछ लोग कहेंगे कि मैंने ऐसे ही माफी मांग ली है, यह मेरी रणनीति है। 130 लोग मारे गए, 400 से ज्यादा लोग पीड़ित हुए, इतने ज्यादा कष्ट के लिए कौन ऐसे ही माफी मांगता है?’