Indian News : Odisha | औल थाना के देमल गांव के मुना मलिक की बेटी दीपांजलि मलिक (20) ने 28 अगस्त को अपने प्रेमी राजेंद्र मलिक (23) के साथ एक मंदिर में शादी कर ली । बेटी ने मर्जी के खिलाफ शादी की और अपने परिवार वालो के साथ नाता तोड़ दिया | उसके बाद परिवार वालो ने उसे ‘मृत’ घोषित कर साथ ही उसका ‘पिंड दान’ भी कर दिया | दरासल यह घटना केंद्रपाड़ा जिले की है, जहां एक परिवार ने अपनी इच्छा के खिलाफ हुई शादी का विरोध करते हुए 20 साल की लड़की को सार्वजनिक रूप से मृत घोषित करके गुरुवार (07 सितंबर) को उसका अंतिम संस्कार कर दिया |
हमने अउल पुलिस थाने में उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी | पुलिस ने पता लगा कर हमारी बेटी को हमे सौंप दिया | परंतु दीपांजलि ने विद्रोह किया और गांव के मंदिर में राजेंद्र के साथ विवाह कर लिया । इससे हमें गहरा दुख पहुंचा है । उसने पूरे परिवार को शर्मसार कर दिया था । हमने सार्वजनिक रूप से यह घोषणा करने के लिए कि हमारी बेटी हमारे लिए मर गई है, ‘पिंड दान’ किया और ‘दशहा भौजी’ (किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद आयोजित होने वाले भोज) का आयोजन किया |
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दीपांजलि ने कहा, “मेरी शादी की उम्र हो चुकी थी | मैंने सही फैसला किया है |’ हालांकि, लड़के के माता-पिता बहू के आने से काफी खुश हैं | लड़के के पिता अनंत मलिक ने कहा, “मेरे बेटे ने कोई गलत काम नहीं किया है, हमने दीपांजलि को अपनी बहू के रूप में खुशी-खुशी स्वीकार कर लिया है” ।
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मानवाधिकार कार्यकर्ता अमरबारा बिस्वाल ने कहा, “लड़का और लड़की दोनों बालिक हैं । 18 वर्ष की आयु होने के बाद अपनी पसंद के अनुसार शादी करने के लिए लड़की के भाग जाने में कुछ भी गलत नहीं है । लड़की के परिवार के सदस्यों को उसका अंतिम संस्कार करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने उसका अंतिम संस्कार करके उसे अपमानित किया और उसके मानवाधिकारों का उल्लंघन किया”|
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