Indian News : डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम फिर 21 दिन के लिए जेल से बाहर आ गया है. उसकी 21 दिन की फरलो मंजूर हो गई थी, जिसके बाद उसे जेल से रिहा कर दिया गया है. ऐसे में जानते हैं कि फरलो और पेरोल में कितना अंतर होता है?

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रेप और हत्या के मामले में सजा काट रहा राम रहीम फिर जेल से बाहर आ गया है. उसे 21 दिन की फरलो पर जेल से रिहा किया गया है. ये 21 दिन भी सजा में ही गिने जाएंगे. राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल में बंद था. जेल से बाहर आने के बाद राम रहीम यूपी के बागपत जिले के बरनावा आश्रम में रहेगा. इस साल में ये तीसरी बार है जब राम रहीम जेल से बाहर आया है. इससे पहले वो इस साल जनवरी में 40 और जुलाई में 30 दिन के लिए बाहर आया था. राम रहीम 2017 से जेल में बंद है. तब से अब तक आठवीं बार उसे जेल से रिहा किया गया है.




बहरहाल, फरलो पर रिहा होना और पेरोल पर जेल से बाहर आना, दोनों में अंतर होता है. आमतौर पर इसे एक ही समझ लिया जाता है.

आइये जानते है क्या होती है फरलो?

फरलो एक तरह से छुट्टी की तरह होती है, जिसमें कैदी को कुछ दिन के लिए रिहा किया जाता है. फरलो की अवधि को कैदी की सजा में छूट और उसके अधिकार के तौर पर देखा जाता है. 

फरलो सिर्फ सजा पा चुके कैदी को ही मिलती है. फरलो आमतौर पर उस कैदी को मिलती है जिसे लंबे वक्त के लिए सजा मिली हो. 

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