Indian News : भोपाल |  मध्य प्रदेश में हो रहे नगरीय निकाय चुनाव में नामांकन वापसी के बाद जो तस्वीर सामने आई है उससे साफ है कि बीजेपी और कांग्रेस में डैमेज कंट्रोल बेअसर रहा है. दोनों ही दलों में टिकट न मिलने से नाराज बागी प्रत्याशी चुनाव मैदान से हटने के लिए तैयार नहीं हुए हैं. नाम वापसी के बाद 16 नगर निगम के लिए महापौर पद के 145 प्रत्याशी मैदान में हैं. पार्षद पद के लिए नाम वापसी के बाद अब 26582 उम्मीदवार मैदान में हैं.

चुनाव मैदान में डटे ज्यादातर वह चेहरे हैं जो बीजेपी और कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने के कारण बागी हो गए हैं नामांकन वापसी के आखिरी दिन तक मनाने की कोशिशों के बावजूद बागी मैदान से हटे नहीं. अब बागियों के खिलाफ बीजेपी एक्शन मोड पर है.

बीजेपी लेगी एक्शन





बीजेपी के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने कहा बीजेपी में संगठन सर्वोपरि है. ऐसे में यदि कोई बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ता है तो उसके खिलाफ पार्टी एक्शन लेगी. नगरीय निकाय चुनाव के लिए बनी एक्शन कमेटी इस मामले में फैसला लेगी. बीजेपी में बागियों को मनाने के लिए सीएम शिवराज, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन महामंत्री हितानंद और प्रदेश महामंत्री भगवान सबनानी मोर्चा संभाले हैं. भोपाल में बागियों को मनाने की जिम्मेदारी जिला अध्यक्ष सुमित पचौरी की है.

रूठों को पैर पकड़कर मनाएं


दूसरी तरफ कांग्रेस का बागियों को लेकर रुख नरम है. कमलनाथ ने एक दिन पहले बैठक कर खुद डैमेज कंट्रोल का जिम्मा संभाला. उन्होंने कहा जिन लोगों को महापौर और पार्षद का टिकट मिला वो रूठों को मना कर पार्टी में लाएं. जरूरत पड़े तो रूठों को पांव पकड़कर मनाएं. कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के के मिश्रा ने कहा कांग्रेस में जो बागी हुए हैं उन्हें मनाने की कवायद जारी है. आने वाले 2 से 3 दिन के अंदर बागियों को कांग्रेस पार्टी के समर्थन में बैठाया जाएगा इसकी कवायद चल रही है.कांग्रेस में कमलनाथ दिग्विजय सिंह ने डैमेज कंट्रोल की जिम्मेदारी संभाली है.

मुश्किल है राह


परवान चढ़ते नगरी निकाय के चुनाव से पहले रूठे को मनाना अब दोनों ही सियासी दलों के लिए मुश्किल नजर आ रहा है.

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