Indian News : वायनाड | केरल के वायनाड से एक मार्मिक घटना सामने आई हैं। जो अपने आप में खुद एक मानवता की मिशाल हैं। यहाँ 12 दिन के शिशु की जान बचाने के लिए महिला पुलिस अधिकारी ने ड्यूटी के दौरान स्तनपान कराया। महिला पुलिस अधिकारी के इस साहसिक कदम की केरल हाईकोर्ट (High Court) के जज जस्टिस देवन रामचंद्रन ने सराहना की और SP को पत्र लिखकर प्रमाणपत्र भी भेजा।
दरअसल 29 अक्तूबर को एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई कि उसका पति विवाद के बाद बच्चे को लेकर बंगलूरू जा रहा है। वायनाड सीमा पर स्थानीय पुलिस टीम ने जांच के बाद बच्चे और पिता को बरामद कर लिया । थका हुआ दिखाई देने पर बच्चे को अस्पताल ले जाया गया। उसका शुगर लेवल कम था। राम्या चेवयूर पुलिस टीम का हिस्सा थीं। उन्होंने डॉक्टरों को सूचित किया कि वह नर्सिंग मां हैं और उन्होंने तुरंत स्तनपान कराकर बच्चे की जान बचाई। बाद में बच्चे को मां के पास लाया गया।
केरल की इस महिला पुलिस अधिकारी का नाम एम आर राम्या है जो बच्चे को लेने के लिए चेवयूर से वायनाड गईं थीं। उन्होंने हाल ही में मेटरनिटी लीव के बाद ड्यूटी ज्वाइन की थी। वे खुद भी चार और एक साल के दो बच्चों की मां है। इसलिए उनके अंदर की ममता बच्चे का हाल देखकर चुप न रह पाई और उन्होंने एक दूसरी मां के बच्चे को दूध पिलाकर उसकी जान बचा ली।
अब राम्या के इस नेक काम के लिए राज्य के पुलिस महानिदेशक और केरल हाईकोर्ट के जज ने प्रमाण पत्र भेजकर उनकी तारीफ की है। राम्या को दिए गए सर्टिफिकेट में जस्टिस रामचंद्रन ने लिखा है कि, “आप आज पुलिस का सबसे अच्छा चेहरा हैं। आप एक उम्दा अधिकारी और एक सच्ची मां हैं! जीवन का अमृत स्तनपान एक दिव्य उपहार है जो केवल एक मां ही दे सकती है। आपने अपनी ड्यूटी के समय यह नेक काम किया है। हम सभी में आप भविष्य के लिए मानवतावाद की आशा को जीवित रखती है।”