Indian News : दिल्ली। भगवान भैरव शिव के ही एक स्वरूप हैं। भैरव के पूजन से राहु-केतु शांत हो जाते हैं। उनके पूजन में भैरव अष्टक और भैरव कवच का पाठ जरूर करना चाहिए। इससे शीघ्र फल मिलता है। वे कलियुग की बाधाओं का शीघ्र निवारण करने वाले देवता हैं। प्रेत व तांत्रिक बाधा के दोष उनके पूजन से दूर हो जाते हैं। भगवान भैरव स्मरण और पूजन मात्र से कष्टों को दूर कर देते हैं। साथ ही तांत्रिक व प्रेत बाधा का संकट टल जाता है।

काल भैरव को प्रसन्न करने के उपाय:

1. काल भैरव को प्रसन्न करने के लिए काल भैरव अष्टमी के दिन पापड़, पूड़ी पुए और पकौड़े भगवान को भोग लगाएं. इसके बाद अगले दिन इन्हें गरीब और जरूरतमंद लोगों में बांट दें. ऐसा करने से आपके ऊपर भगवान काल भैरव की विशेष कृपा बनी रहेगी.




2. काल भैरव अष्टमी के दिन साधक को भगवान काल भैरव के मंदिर में उनकी आरती करनी चाहिए और साथ ही पीले रंग की पताका भगवान को अर्पित करनी चाहिए.

3.काल भैरव अष्टमी के दिन बाबा भैरव नाथ को जलेबी का भोग लगाएं. इसके बाद बची हुई जलेबी किसी काले कुत्ते को खिला दें. कुत्ता बाबा भैरव नाथ की सवारी माना जाता है. अतः बाबा भैरवनाथ को कुत्ता अतिप्रिय होता है.

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