Indian News : PM नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों गुरुवार को जयपुर में होंगे। आजादी के बाद 77 वर्षों में यह पहला मौका है, जब गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसी देश के राष्ट्राध्यक्ष भारत के प्रधानमंत्री के साथ जयपुर आ रहे हैं।

ऐसे में लोगों के मन में सवाल है कि जयपुर ही क्यों?

दरअसल, PM नरेन्द्र मोदी को जयपुर और राजस्थान भा गए हैं। वे नवंबर-2022 से अब तक 12 बार राजस्थान आए है । नवंबर-2023 में जब उन्होंने जयपुर स्थित परकोटे में रोड-शो किया तभी उन्होंने जयपुर में एक विशाल कार्यक्रम करना तय कर लिया था । जयपुर के ऐतिहासिक परकोटे और विरासत ने उन्हें प्रभावित किया । इससे पहले ज्यादातर मौकों पर दूसरे देशों के राष्ट्राध्यक्षों को अहमदाबाद की ही विजिट कराई गई ।

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पीएम मोदी ने मई 2014 में प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद से अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (फरवरी-2020), इजरायल के तत्कालीन प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (जनवरी-2018), चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (सितंबर-2014), ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बानीज (मार्च-2023) और जापान के तत्कालीन राष्ट्रपति शिंजो आबे (सितंबर-2017) को अहमदाबाद लेकर गए थे।

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को मोदी अक्टूबर-2019 में तमिलनाडु के मामल्लपुरम भी लेकर गए थे। यह पहला मौका है, जब मोदी UN में वीटो पॉवर (केवल अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, रूस और फ्रांस) हासिल किसी देश के राष्ट्रपति को जयपुर लेकर आ रहे हैं।

21 नवंबर 2023 को जयपुर में PM मोदी ने एक रोड शो किया । यह रोड शो परकोटे के भीतरी रास्तों पर किया गया। जहां PM मोदी एक ओपन जीप में खड़े होकर लोगों का अभिवादन करते हुए पूरे परकोटे में घूमे । उन्हें तब सीधी समकोण पर काटती सड़कों, सड़कों के दोनों ओर गुलाबीनगर के मकानों-दुकानों-बरामदों, सरगासूली, हवामहल, छोटी चौपड़-बड़ी चौपड़, जौहरी बाजार, चौड़ा रास्ता, त्रिपोलिया बाजार आदि को देखने का मौका मिला । इस अ‌वसर पर बनाए गए एक वीडियो को भाजपा की मीडिया कैंपेन में शामिल किया गया । उस वीडियो के साथ इंदौर, हैदराबाद (तेलंगाना) और रायपुर (छत्तीसगढ़) के वीडियो को भी जोड़ा गया।

भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि मोदी को उसी वक्त जयपुर भा गया था। आगे भी जल्द ही जयपुर, जोधपुर, उदयपुर या रणथम्भौर जैसी जगहों पर PM मोदी कोई बड़ा कार्यक्रम कर सकते हैं । राजस्थान के विधानसभा चुनावों की कमान सीधे PM मोदी के हाथों में थी । उन्होंने प्रदेश में 12 स्थानों पर सभाएं भी की थी । जयपुर में उन्होंने विधानसभा के तुरंत बाद 5,6,7 जनवरी को देश के पुलिस महानिदेशकों की मीटिंग करवाई और उसमें उपस्थित भी रहे । वे इस दौरान दो दिन-दो रात जयपुर में ही रुके । अब मात्र 20 दिनों के बाद ही वे एक बार फिर जयपुर का दौरा कर रहे हैं । भाजपा के सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनावों से पहले तक मोदी राजस्थान में फिर आएंगे ।

जयपुर को चुनने के क्या हैं राजनीतिक मायने

जयपुर आबादी के लिहाज से देश का दसवां सबसे बड़ा शहर है । भौगोलिक दृष्टिकोण से देश के सबसे बड़े राज्य राजस्थान की राजधानी भी है और देश की राजधानी दिल्ली से करीब सड़क मार्ग से करीब 3 घंटे की नजदीकी पर स्थित है । राजस्थान में लोकसभा की 25 सीटें है । इन सभी सीटों को वर्ष 2014 और 2019 में भाजपा ने जीता था । लोकसभा चुनावों में राजस्थान भाजपा के लिए मजबूत प्रदेश है । भाजपा इस बार भी 2024 में होने वाले चुनावों में सभी 25 सीटें जीतना चाहती है। इस प्रदेश में भाजपा पिछले 30 वर्षों में चौथी बार सरकार में आई है, लेकिन यहां सरकार रिपीट नहीं होने की परिपाटी बनी हुई है । देश के बड़े राज्यों में केवल राजस्थान ही है, जहां भाजपा सरकार रिपीट नहीं कर पाई। ऐसे में भाजपा इस बार जयपुर और राजस्थान की खास तरजीह दे रही है ।

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