Indian News : नवा रायपुर परसदा स्टेडियम में मैच खत्म होने के दो घंटे बाद तक नवा रायपुर से तेलीबांधा तक ट्रैफिक लगभग रेंगता रहा। हजारों वाहन एक के बाद एक स्टेडियम ऐसे निकले जैसे एक ही काफिले के हैं। शहर आने वाले ट्रैफिक को प्रमुख रुप से दो रुट में बांटा गया था। एक रास्ता स्टेडियम से मंदिर हसौद रोड पहुंचने वाला था। दूसरा सेंध लेक से नवा रायपुर होते हुए शहर पहुंचने वाला था।
दोनों रास्ते से आने वाले वाहन वीआईपी रोड तिराहे पर फंसे। अफसरों ने अतिरिक्त बल लगाया था। इस वजह से यहां भी लंबा जाम नहीं लगा अलबत्ता ट्रैफिक रेंगता हुआ आगे बढ़ गया। राज्य में आयोजित पहले अंतरराष्ट्रीय मैच में 44 हजार से ज्यादा दर्शक पहुंचे थे। स्टेडियम परिसर से लेकर सड़क तक करीब 15 हजार से ज्यादा कारें और बाइक पार्क थीं। मैच जल्दी खत्म हो गया, इस वजह से सभी दर्शक एक साथ निकले। इसी वजह से स्टेडियम के बाहर ही सबसे पहले जाम की स्थिति बनी।
परसदा टर्निंग और सत्य सांई अस्पताल के पास ही जाम लग गया। वहीं से गाड़ियां किसी तरह आगे बढ़ी तो वीआईपी रोड में गाड़ियों का दबाव बढ़ गया। इधर सेरीखेड़ी सर्विस रोड और मंदिर हसौद के पास भी ट्रैफिक जाम हुआ। यहां किसी तरह ट्रैफिक को क्लियर किया गया। नवा रायपुर और जीई रोड फोर लेन हैं। इस वजह से यहां तो गाड़ियां एक के पीछे एक चलती रहीं, लेकिन वीआईपी तिराहे के पास जहां सभी रास्तों का ट्रैफिक पहुंचा तब जाम लगा।
जाम लगा तो बदला रास्ता
वीआईपी रोड से आने वालों का फुंडहर चौक से एक्सप्रेस-वे में डायवर्ट किया
शहर आने वालों को तेलीबांधा की ओर भेजा गया।
दुर्ग, भिलाई, बिलासपुर जाने वालों को पचपेड़ी नाका की ओर डायवर्ट किया गया
मंदिर हसौद से आने वाले ट्रैफिक को रिंग रोड-3 विधानसभा की ओर डायवर्ट किया
ट्रैफिक पुलिस का दावा है कि कहीं भी जाम की स्थिति निर्मित नहीं हुई है। सड़क पर एक साथ गाड़ियों का दबाव बढ़ने के कारण ट्रैफिक स्लो था। लेकिन गाड़ियों को रोका नहीं गया।
मैच खत्म होने के 15 मिनट पहले ही पुलिस ने आरंग के पास भारी गाड़ियों को रोक दिया था। इधर अभनपुर, मंदिरहसौद और रिंग रोड-3 पर भारी वाहनों को रोका गया। रात 8 बजे के बाद भारी वाहनों की एंट्री खोली गई।
मैच के दौरान ट्रैफिक संभालने 400 जवानों को तैनात किया गया था। एसआरपी भगत सिंह चौक से लेकर स्टेडियम तक जवानों को खड़ा किया गया था। पचपेड़ी, केंद्री, तूता और आरंग में फोर्स तैनात किया गया है।
एक दर्जन अधिकारियों ने मोर्चा संभाला था।
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