Indian News : संयुक्त राष्ट्र ने पत्रकार राणा अयूब पर प्रवर्तन निदेशालय द्वारा लगाए गए आरोपों पर कहा कि उनका न्यायिक उत्पीड़न किया जा रहा है। भारत ने यूएन द्वारा किए गए ट्वीट पर पलटवार किया। वहीं पत्रकार सुशांत सिन्हा ने भी राणा अयूब पर तंज कसते हुए लिखा कि मैडम UN वाले फूफा से ट्वीट कराने से काम नहीं चलेगा। सोशल मीडिया यूजर्स ने भी
इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
दरअसल यूएन जिनेवा ट्विटर हैंडल से राणा अयूब का समर्थन करते हुए ट्वीट किया गया। जिसके जवाब में भारत की ओर से कहा गया कि तथाकथित न्यायिक उत्पीड़न के आरोप बेबुनियाद और अनुचित है। इसी को लेकर पत्रकार सुशांत सिन्हा (Sushant Sinha) ने लिखा कि ठगी का आरोप है, जांच चल रही है और यूएन तक से ट्वीट करवा दिया। बताइए, क्या गजब का इकोसिस्टम है इन लोगों का। पर UN वाले फूफा से ट्वीट कराने से नहीं चलेगा न मैडम। UN ने अपनी साख गिरा ली सो अलग।
पत्रकार अमन चोपड़ा ने इस मुद्दे पर लिखा कि घर में लड़ाई होने पर पड़ोसी को बाप बना लेना, इसे ही कहते हैं। पत्रकार दीपक चौरसिया ने कमेंट किया कि 4BHK चाहिए। फिल्म मेकर अशोक पंडित ने लिखा, ‘ आप कौन?’ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने कमेंट किया – UN जिनेवा ऐसे प्रोपेगैंडा पत्रकार के समर्थन में ट्वीट कर रहा है। जिसने कोरोना में लोगों की मदद के नाम पर फ्राड करके अपनी जेब भरी।’
उन्होंने आगे लिखा कि जिसने भारत में साम्प्रदायिक हिंसा फैलाने के लिए फेक न्यूज़ फैलाई पर हैरान मत होईये, ये वही संस्था है जिसने खालिस्तानियों से 10 हज़ार डॉलर चंदा लिया था। बीजेपी नेता प्रीति गांधी ने लिखा कि राणा अयूब की विश्वसनीयता बनाने में यूएन जिनेवा ने अपनी विश्वसनीयता खो दी। पत्रकार अमिश देवगन लिखते हैं – यूएन जिनेवा आपके पास और अच्छे काम है करने के लिए.. राणा अयूब पर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से धोखाधड़ी करके फंड लेने के आरोप लगे हैं।
प्रवीण खंडेलवाल नाम के एक यूजर ने कमेंट किया कि भारत UN गुलाम नहीं है। किसी धौंस में भारत नहीं आने वाला है। जानकारी के लिए बता दें कि राणा पर आरोप है कि उन्होंने ऑनलाइन क्राउड फंडिंग के जरिए राहत कार्य के लिए जुटाए गए डोनेशन को निजी खर्च के लिए इस्तेमाल किया गया।