Indian News : नई दिल्ली। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने सेक्स वर्कर्स के लिए जबरदस्त दरियादिली दिखाई है। सुप्रीम कोर्ट को सूचित करते हुए ऐलान किया है कि यौनकर्मियों को आधार कार्ड बनाने में अब किसी तरह की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। अगर पूरा घर का पता नहीं है फिर भी बिना किसी प्रमाण पत्र के आधार कार्ड जारी किया जाएगा।
UIDAI ने कहा है कि वह राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (NACO) द्वारा दिए जाने वाले प्रमाण-पत्र के आधार पर यौनकर्मियों को आधार कार्ड जारी करेगा। इस दौरान यौनकर्मियों से उनके दूसरे रिहायशी प्रमाण पत्र नहीं मांगा जाएगा। यानी बिना अड्रेस के आधार कार्ड जारी किया जाएगा।
मालूम होगा कि आधार कार्ड बनावाने के लिए तमाम तरह के प्रमाण पत्र पेश करना होता हैं। इनमें आवेदक के नाम, लिंग, आयु और पते के साथ-साथ वैकल्पिक डेटा जैसे ईमेल या मोबाइल नंबर जमा करने के बाद ही आधार कार्ड जारी करता है। यह नियम सभी नागरिकों पर लागू होता है। लेकिन UIDAI ने इन नियमों से अब सेक्स वर्कर्स को आजाद किया है।
सेक्स वर्कर्स के लिए आधार जारी करने वाली संस्था यानी UIDAI ने ऐसे लोगों कुछ सुविधा दी है। UIDAI उस प्रमाण-पत्र स्वीकार करेगा जिसे किसी यौनकर्मी को NACO के राजपत्रित अधिकारी या राज्य के स्वास्थ्य विभाग की तरफ से मिला हो। आपको बता दें कि NACO केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत एक विभाग है, और यौनकर्मियों पर एक केंद्रीय डेटाबेस को मेंटेन करता है।
यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है। जिस पर लगातार सुनवाई चल रही है। न्यायमूर्ति एल.एन. राव पूरे भारत में यौनकर्मियों को सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करने की एक याचिका पर सुनवाई कर रहे थे, तब UIDAI ने इसके लिए सर्टिफिकेट का एक प्रस्तावित प्रोफार्मा (Proposed Proforma) सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा। सुनवाई के दौरान सेक्स वर्कर्स के लिए पुनर्वास योजना तैयार करने का मुद्दा भी शामिल किया गया। जो देह व्यापार से बाहर निकलना चाहते हैं। इस बीच सेक्स वर्कर्स को सामान्य जीवन देने के लिए UIDAI का यह फैसला बेहद कारगर साबित होगा।