Indian News : दुर्ग । अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन इस बार जिले में खास तरह से हुआ। मंच पर सारे अतिमहत्वपूर्ण अतिथि महिलाएं ही थीं। इन्होंने जिले में काम कर रही अग्रणी महिलाओं का सम्मान भी किया। आमंत्रित अतिथियों में विधायक अरुण वोरा की धर्मपत्नी मंजू वोरा, महापौर धीरज बाकलीवाल की धर्मपत्नी श्वेता बाकलीवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष शालिनी रिवेंद्र यादव, एडीशनल कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना, पद्मिनी भोई, एम.आई.सी सदस्य यमुना साहू, कन्या ढीमर, संगीता बघेल, प्रीति मिश्रा, कल्पना देशमुख शामिल थे। इन्होंने अपने सुंदर संबोधन से आयोजन को यादगार बना दिया।
महिलाएं महिलाओं को सशक्त करने की दिशा में करें कार्य- मंजू वोरा ने कहा कि आज की महिलाएं बहुत जागरूक हैं और पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं। फिर भी महिलाओं को अधिक मजबूत होने की जरूरत है। इसके लिए जरूरी हैं कि जो महिलाएं सशक्त हैं वे अन्य महिलाओं को आगे बढ़ाएं। श्वेता बाकलीवाल ने कहा कि आज हर क्षेत्र में महिलाएं अपना यश फैला रही हैं। इससे साबित हो चुका है कि महिला और पुरुष की कार्यक्षमता हर विधा में बराबरी की है।
अपनी रूममेट का उदाहरण देकर एडीएम ने बताया कैसे सशक्त हैं महिलाएं- एडीएम नूपुर राशि पन्ना ने अपनी रूममेट का उदाहरण देते हुए बताया कि आईएएस की तैयारी के दौरान उनकी रूममेट एक साउथ इंडियन लड़की थी। वहां दक्षिण भारत में गजरे के लिए फूलों को चुनने का काम बच्चे करते हैं क्योंकि फूल बड़े कोमल होते हैं। उनकी रूममेट बचपन में यही काम करती थी। जाहिर है कि उसके लिए रास्ता बड़ा कठिन रहा होगा लेकिन उसने इसे आसान किया और आज आईएएस है। उन्होंने बताया कि बीते दिनों एक महिला उनके पास आई जो अपनी बेटी की शादी करना चाहती थी। शादी के लिए बेटी की उम्र अभी 18 की हुई थी। महिला के पास पैसों की कमी थी। एडीएम ने कहा कि मैंने उनसे कहा कि बेटी की पढ़ाई कराओ, उसे अपने पैरों पर खड़ा करो, नहीं तो वो भी इसी तरह से आर्थिक अक्षमता से जूझती रहेगी। शादी महत्वपूर्ण है लेकिन लड़कियों की पढ़ाई भी उतनी ही अहम है। अपर कलेक्टर श्रीमती पदमनी भोई ने इस मौके पर महिलाओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आप सभी हर संभव मुकाम हासिल कर सकते हैं। कड़ी मेहनत करें और अपनी क्षमता पर भरोसा करें।
भारत में परंपरा में पत्नी का नाम पहले – जिला पंचायत अध्यक्ष शालिनी रिवेंद्र ने भी इस अवसर पर अपने अनुभव साझा किये। उन्होंने कहा कि भारत में सुंदर सांस्कृतिक परंपरा रही है। यहां मातृशक्ति अग्रणी है। सीताराम में सीता पहले आती हैं। राधा कृष्ण में कृष्ण पहले आते हैं। मुझे गौरव है कि मेरी सफलता के पीछे मेरे पति रिवेद्र यादव की बड़ी भूमिका रही है। इसलिए शालिनी रिवेंद्र यादव लिखाने में मुझे गौरव होता है। उन्होंने बताया कि उनके सफर की शुरूआत एसएचजी से हुई। फिर वे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बनी। सबसे अच्छी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बनी। सरपंच बनी और फिर जिला पंचायत में इस भूमिका में पहुंची।
एक सप्ताह में 16 हजार सुकन्या खाते खुले – जिला कार्यक्रम अधिकारी विपिन जैन ने बताया कि इस एक माह में सुकन्या समृद्धि योजना के खाते खुलाने विशेष अभियान चलाया गया। यह सुखद समाचार है कि एक माह के भीतर 16 हजार खाते कार्यकर्ताओं ने खोले हैं जो कमाल की बात है।
सुंदर रंगोली और फूड आइटम – इस मौके पर फूड स्टाल और सुंदर रंगोली भी बनाई गई। फूड स्टाल में ट्रेडिशनल छत्तीसगढ़ी पकवान से लेकर मोमोज आदि भी शामिल थे। सभी अतिथियों ने इन व्यंजनों का आनंद लिया और इसकी प्रशंसा की।