Indian News : उतार प्रदेश। योगी सरकार अब लाउडस्पीकर के खिलाफ अभियान चला रही है। इस अभियान के तहत पूरे प्रदेश में धार्मिक व सार्वजनिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर और ध्वनि विस्तारक यंत्रों की जांच की गई। जांच में मानक के विपरीत ध्वनि उत्पन्न करने वाले ध्वनि विस्तारक यंत्रों की ध्वनि को कम कराया गया, और अवैध रूप से लगे लाउडस्पीकर को पुलिस के द्वारा उतरवाया गया है। ये अभियान 23 नवंबर से शुरू हो गया है और 22 दिसंबर तक चलेगा।
सरकार की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि अब तक प्रदेशभर में 61,399 लाउडस्पीकर को चेक किया जा चुका है। इनमें मानक के विपरीत पाए गए 7288 लाउडस्पीकर की आवाज कम कराकर मानक के अनुसार कराई गई। वहीं, निर्धारित डेसीबल सीमा से अधिक चल रहे 3238 लाउडस्पीकर हटाये गये। इन्हें पुलिस ने जब्त करते हुए कार्रवाई की है। इस अभियान में मंदिर-मस्जिद कमेटियों का पुलिस को पूरा सहयोग मिला। यह अभियान सुबह 5 बजे से 7 बजे तक वरिष्ठ अधिकारियों के नेर्तत्व में चलाया गया।
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लाउडस्पीकर के लिए क्या हैं नियम?
लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की मनाही नहीं है, लेकिन इसके इस्तेमाल को लेकर कुछ शर्तें भी हैं। लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को लेकर संविधान में नॉयज पॉल्यूशन रूल्स (CPCB), 2000 में प्रावधान है यदि सार्वजनिक स्थान पर लाउडस्पीकर या किसी उपकरण का प्रयोग किया जा रहा है तो पहले प्रशासन से लिखित में अनुमति लेना आवश्यक है। CPCB ने चार अलग-अलग इलाकों के हिसाब से ध्वनि का मापदंड तय कर रखा है। इसके मुताबिक इंडस्ट्रियल, कमर्शियल, रेसिडेंशियल और साइलेंस जोन में कितनी आवाज रहेगी, इसका मापदंड तय है।
- इंडस्ट्रियलः यहां ध्वनि का स्तर दिन के समय 75 डेसीबल और रात के समय 70 डेसीबल तय है।
- कमर्शियलः यहां पर दिन में 65 डेसीबल और रात में 55 डेसीबल तक की लिमिट है।
- रेसिडेंशियलः दिन के वक्त ध्वनि का स्तर 55 डेसीबल और रात के समय 45 डेसीबल की लिमिट है।
- साइलेंस जोनः दिन में 50 डेसीबल और रात में 40 डेसीबल का स्तर होगा।
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