Indian News : आजमगढ़ | समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को आजमगढ़ और मुरादाबाद में सरकारी तंत्र पर गड़बड़ी करने आरोप लगाते हुए एक वाहन से सादे मतपत्र बरामद होने का दावा किया और इसे लेकर विरोध प्रदर्शन किया। सपा ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से एक ट्वीट में दावा किया कि आज़मगढ़ में वाराणसी नम्बर की एक गाड़ी से 10,000 साते मत पत्र पकड़े गये।

सपा ने ट्वीट में कहा, ‘‘बत्ती बुझा कर स्ट्रॉंग रूम के अंदर जा रही गाड़ी को गेट पर मुस्तैद सपा कार्यकर्ताओं ने रोक लिया। किसके इशारे पर मतपत्र ले जाया जा रहा था? क्या मकसद था? निर्वाचन आयोग कृपया स्पष्ट करे।’’

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल और राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मतपत्रों की बरामदगी के सिलसिले में लखनऊ में निर्वाचन आयोग (ईसी) के अधिकारियों से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने एक लिखित शिकायत भी दी। इसकी एक प्रति मुख्य चुनाव आयुक्त को भी भेजी गई है।




हालांकि आजमगढ़ के जिला निर्वाचन अधिकारी अमृत त्रिपाठी ने बताया कि यह बीडीओ(ब्लॉक विकास पदाधिकारी) का वाहन था। उन्होंने बताया कि कि डाक मत पत्र चुनाव में इस्तेमाल नहीं किये गये हैं और इन्हें चुनाव में उपयोग किये गये मत पत्र के साथ ही जमा कराना होता है, लेकिन बीडीओ ने इसे जमा नही कराया। उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में बीडीओ के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करते हुए आयोग से उनके निलंबन की संस्तुति की कई है। पूरे मामले की जांच की जाएगी ।

वहीं, मुरादाबाद में मंडी समिति स्थित स्ट्रांग रूम के पास एक वाहन में रखी दो मतपेटियों के साथ तहसीलदार को कथित रूप से पकड़े जाने के बाद भारी हंगामा हुआ। सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह यादव ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘बिलारी के तहसीलदार धर्मेंद्र, बिलारी नगर पालिका के एक वाहन से स्ट्रांग रूम क्षेत्र में पहुंचे। गाड़ी के अंदर रखे गद्दों के नीचे मतपेटियां छिपा दी गयी थीं।’’

सिंह ने आरोप लगाया, ‘‘तहसीलदार ने सपा एजेंटों के साथ तब दुर्व्यवहार किया जब उन्होंने उन्हें ईवीएम स्ट्रांग रूम में प्रवेश करने से रोकने की कोशिश की और उन्होंने मतपेटियों को अंदर ले जाने की भी कोशिश की।’’

सपा उम्मीदवार फहीम ने 1400 से अधिक सादे मतपत्र बक्से के अंदर होने का दावा करते हुए आरोप लगाया कि उन्हें डाक मतपत्रों से बदला जाना था। मुरादाबाद के जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) बबलू कुमार ने मंडी समिति पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को शांत कराया।

जिलाधिकारी ने कहा, ‘‘वे इस्तेमाल में नहीं लाये गये मतपत्र थे और बक्सों को सील कर दिया गया था। हालांकि, इस्तेमाल में नहीं लाये गये मतपत्रों को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करने का प्रयास करने के लिए संबंधित लोगों की ओर से यह एक गलती हुई। परिस्थितियों को देखते हुए तहसीलदार को उनके दायित्व से मुक्त कर दिया गया है।’’

You cannot copy content of this page