Indian News : चीन के हुबेई प्रांत (Hubei Province) के जुआनेन काउंटी (Xuan’en County) में यह विशालकाय गड्ढा मिला है. इसकी खोज चीन के वैज्ञानिकों ने ही की है. पहले इस सिंकहोल (Sinkhole) को घाटी समझा जाता था. हैरानी की बात ये है कि इस गड्ढे के अंदर जंगल भी है. यह कुल मिलाकर 630 फीट गहरा है. 6 मई को वैज्ञानिकों ने इसकी खोज की थी.

इस गड्ढे की चौड़ाई 493 फीट और लंबाई 1004 फीट से ज्यादा है. इसका पूरा आकार 50 लाख क्यूबिक मीटर बताया जा रहा है. चाइना जियोलॉजी सर्वे के इंस्टीट्यूट ऑफ कार्स्ट जियोलॉजी के सीनियर इंजीनियर झांग युआनहाई ने कहा कि इस गड्ढे के पास की दीवार में तीन बड़ी गुफाएं हैं. ऐसा हो सकता है कि इन सबकी उत्पत्ति एकसाथ हुई हो.

गुआंगशी 702 केव एक्सपेडिशन टीम के लीडर चेन लिशिन ने कहा कि इस गड्ढे के तलहटी में मौजूद जंगल में प्राचीन पेड़ हैं, जो करीब 120 फीट लंबे हैं. चीन में इतने बड़े गड्ढों को तियानकेंग (Tiankeng) कहा जाता है. इन गड्ढों के अंदर कई गुफाएं भी होती हैं. आमतौर पर ऐसे भूगर्भीय आकृतियां चीन, मेक्सिको और पापुआ न्यू गिनी में मिलती हैं.


अमेरिका स्थित नेशनल केव एंड कार्स्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और गुफाओं के एक्सपर्ट जॉर्ज वेनी ने कहा कि यह एक शानदार खबर है. जॉर्ज वेनी इस खोज में शामिल नहीं है लेकिन उनका संस्थान चीनी वैज्ञानिकों के साथ जुड़ा हुआ है. जॉर्ज ने बताया कि दक्षिणी चीन में कार्स्ट टोपोग्राफी (Karst Topography) आमतौर पर देखने को मिलती है.

कार्स्ट टोपोग्राफी में गड्ढे और गुफओं की भरमार होती है. यहां पर बारिश का पानी काफी ज्यादा मात्रा में जमा होता है. जो बरसों से एक ही जगह पर पड़े-पड़े एसिडिक हो जाता है. इसकी वजह से अंदर कई सुरंगें और नलियां बन जाती हैं. पानी की वजह से गड्ढे बड़े होते जाते हैं. लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि कोई घाटी घाटी के आकार का बड़ा गड्ढा मिला है

जॉर्ज वेनी ने बताया कि अमेरिका का 25 फीसदी इलाका ऐसी ही भौगोलिक स्थितियों से भरा पड़ा है. लेकिन यहां पर गड्ढे ज्वालामुखीय या हवा की वजह से बने हैं. गुआंगशी ऑटोनॉमस रीजन में कार्स्ट फॉर्मेशन बहुत ज्यादा देखने को मिलता है, जिसकी वजह से इस इलाके को यूनेक्सको वर्ल्ड हेरिटेज साइट का सम्मान मिला हुआ है

झांग युआनहाई ने बताया कि चीन में इन्हें दैवीय गड्ढा कहा जाता है. इसके पीछे कोई वैज्ञानिक वजह नहीं है बल्कि लोककथाएं हैं. हालांकि इन गड्ढों के अंदर नई तरह की दुनिया देखने को मिल सकती हैं. फिलहाल वैज्ञानिक इस तैयारी में हैं कि वो इसके अंदर जाकर यहां मौजूद जंगल और जीवों का अध्ययन कर सकें. हालांकि इस काम में रिस्क है लेकिन ये करना जरूरी है ताकि धरती की इस अनसुलझी पहेली को समझा जा सके.

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