Indian News : मुंबई। शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे की बगावत के चलते संकट में घिरी महाराष्ट्र सरकार को बचाने के लिए दिग्गजों ने पूरी ताकत झोंक दी है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार, डिप्टी सीएम अजीत पवार शुक्रवार शाम को मुंबई में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री पहुंचे। माना जा रहा है कि शिवसेना सांसद संजय राउत, मंत्री जयंत पाटिल और राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल की मौजूदगी में मातोश्री (ठाकरे निवास) पर हुई इस उच्च स्तरीय बैठक में सरकार को बचाने के तौर-तरीकों पर मंथन हुआ।
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यह बैठक ऐसे वक्त में हो रही है जब शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने पार्टी के 38 विधायकों के समर्थन का दावा किया है। उनका कहना है कि शिवसेना के 40 समेत उन्हें कुल 50 विधायकों का समर्थन हासिल है। उनका गुट ही असल शिवसेना है इसिलिए उद्धव गुट की ओर से बागियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग गलत है। उन्हें और उनके समर्थकों को गीदड़भभकियों से नहीं डराया जा सकता है। वहीं राकांपा का कहना है कि वह मुख्यमंत्री के साथ खड़ी है।
इस बीच समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक शिवसेना ने शनिवार को दोपहर 1 बजे मुंबई के सेना भवन में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इस बैठक में शामिल होंगे।
दूसरी ओर शिवसेना कार्यकर्ता में इस सियासी संकट को लेकर भारी आक्रोश है। शिवसेना कार्यकर्ता मुंबई में मातोश्री (ठाकरे निवास) के बाहर जमा हो गए हैं। शिवसैनिकों में पैदा हुए आक्रोश को देखते हुए महाराष्ट्र पुलिस ने सूबे के सभी पुलिस थानों, खासकर मुंबई के पुलिस थानों को हाई अलर्ट पर रहने का आदेश दिया है। समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस को सूचना मिली थी कि शिवसैनिक बड़ी संख्या में सड़कों पर उतर सकते हैं।
शिवसेना नेता संजय राउत ने फ्लोर टेस्ट में जाने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा- हम हार मानने वाले नहीं हैं। हम सदन के फ्लोर पर जीतेंगे। अगर यह लड़ाई सड़क पर हुई तो हम वहां भी जीतेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि शिवसेना ने बागियों को वापस आने का मौका भी दिया था लेकिन अब वक्त निकल चुका है। संजय राउत के बयान से मालूम पड़ता है कि अब यह सियासी संकट फ्लोर टेस्ट की ओर बढ़ता नजर आ रहा है।