Indian News : जामताड़ा | जामताड़ा में गुरुवार को भरी पंचायत में ग्रामीणों ने एक महिला और एक पुरुष की पिटाई कर दी. पुलिस भी मौके पर मौजूद थी. उसने जब हस्तक्षेप की कोशिश की तो ग्रामीणों ने पुलिस के साथ भी धक्का-मुक्की की. पुलिस ने जब महिला और पुरुष को ग्रामीणों के कब्जे से छुड़ाना चाहा तो गांववालों ने पुलिस की जीप को घेर लिया. जामताड़ा पुलिस इस पूरे मामले में बेबस नजर आई. काफी मशक्कत के बाद रात तकरीबन 9 बजे ग्रामीणों के चंगुल से मुक्त करवाकर पुलिस महिला और पुरुष को थाना ले आई.
दरअसल, यह पूरा मामला शक का है. घोरमारा की महिला की शादी आसनबेड़िया गांव में हुई है. बीते दिनों यह महिला अपने मायके घोरमारा गई थी. वहां से वह अपने परिचित हारुन अंसारी के साथ बैंक गई थी. हारुन अंसारी देवघर जिले के खागा थाना क्षेत्र अंतर्गत कसरायडीह गांव का रहनेवाला है. बैंक का काम करवाने के बाद हारुन अंसारी ने महिला को उसके मायके घोरमारा में छोड़ दिया. हारुन के फोन की बैटरी डिस्चार्ज हो रही थी, तो उसने महिला के मायके में ही अपने फोन को चार्ज पर लगा दिया. फिर थोड़ी देर की गपशप के बाद वह वहां से निकल गया. लेकिन भूलवश हारुन का फोन महिला के मायके में ही छूट गया.
इसके थोड़ी देर बाद महिला का पति अपनी ससुराल घोरमारा पहुंचा. वहां उसने किसी और का मोबाइल चार्ज पर लगा देखा तो वह उस मोबाइल और अपनी बेगम को लेकर अपने गांव आसनबेड़िया आ गया. आसनबेड़िया में उसने गांववालों के सामने अपने मन का संदेह जताया और पूरी घटना बताई.
अगले दिन जब हारुन अपना मोबाइल लेने आसनबेड़िया आया, तो वहां उसे बंधक बना लिया गया और पंचायत बुलाई गई. इस पंचायत में फतेहपुर थाना प्रभारी आलोक कुमार भी पहुंचे. वहां मुखिया के सामने आरोपी महिला, उसके पति और आरोपी पुरुष का पक्ष सुना गया. आरोपी महिला ने कहा कि उसकी मां के कहने पर हारुन अंसारी उसे बैंक ले गया था. मेरे और हारुन के बीच कोई गलत बात नहीं है.
वहीं, जब फैसला देने का समय आया, उसी समय कुछ महिलाओं ने अवैध संबंध के शक में आरोपी महिला की जमकर धुनाई कर दी. भीड़ ने आरोपी महिला को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, उसके कपड़े फाड़ डाले गए. पिट रही महिला किसी तरह भीड़ से बचकर पुलिस जीप में घुसकर अपनी जान बचाई. इस बीच, आरोपी पुरुष को भी ग्रामीणों ने पीटा. पुलिस के साथ भी धक्का-मुक्की की. समझाने की कोशिश करने पर ग्रामीणों ने पुलिस जीप को भी घेर कर लिया. उग्र ग्रामीणों के सामने जामताड़ा पुलिस लाचार दिखी. बाद में पुलिस ने एक अतिरिक्त पुलिस टीम को मौके पर बुलाया. फिर सबने मिलकर गांववालों को समझाया. काफी मशक्कत के बाद रात तकरीबन 9 बजे ग्रामीणों के चंगुल से मुक्त करवाकर पुलिस महिला और पुरुष को थाना ले आई.