Indian News : कुकदूर सामुदायिक अस्पताल से रेफर होकर बुधवार रात जिला अस्पताल लाई गई जमुना बाई पति नान सिंह (23) निवासी कान्हाखैरा की इलाज के दौरान मौत हो गई। उसे पेट दर्द की शिकायत थी। लेकिन बिना पोस्टमार्टम कराए ही परिजन काे शव सौंप दिया। इसे लेकर भाजपा पदाधिकारियों ने अस्पताल में हंगामा कर दिया।

आरोप है कि डॉक्टरों ने लापरवाही छिपाने के लिए पोस्टमार्टम नहीं किया, जबकि मौत स्वाभाविक नहीं थी। जानकारी के मुताबिक जमुना को पेट दर्द की शिकायत थी। पिछले 3 दिन से सामुदायिक अस्पताल कुकदूर में भर्ती थी। तकलीफ बढ़ने पर बुधवार को उसे रेफर किया जाना था, लेकिन एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हो पाई। देर रात करीब 1.30 बजे उसे जिला अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के दौरान करीब 1 घंटे के भीतर ही जमुना की मौत हो गई। भाजपा ने पीड़ित परिवार को 5 लाख मुआवजा देने और मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने मांग की है।

25 लाख खर्च पर पाइप टूटने से टंकी में नहीं चढ़ता पानी, झिरिया का पानी पीने मजबूर




6 माह में हो चुकी है कांदावानी के 9 आदिवासियों की मौत

अक्टूबर में हुुई तीसरी मौत


अक्टूबर 2022 में ग्राम पंचायत कांदावानी में अज्ञात बीमारी से मौत का यह तीसरा मामला है। इससे पहले आश्रित गांव ठेंगाटोला में इतवारी बाई पति अमरलाल सिंह और महारानी टोला में सुंदर पिता सुकलाल बैगा की मौत हुई थी। वहीं भाजपा के जिला महामंत्री क्रांति गुप्ता बताते हैं कि पिछले कुछ माह में कांदावनी पंचायत क्षेत्र में समेलाल बैगा, भदलू बैगा, सुखसिंह, बीरसिंह, रजन सिंह बैगा और जेठिया बाई की मौत भी अज्ञात बीमारी से हुई है।

कांदावानी क्षेत्र में अज्ञात बीमारी से लगातार ग्रामीणों की मौत हो रही है। क्षेत्र के बैगा- आदिवासी परिवार झिरिया का पानी पीते हैं। इसके चलते वे इस बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं, लेकिन पानी की जांच नहीं होती है। सिस्टम की लापरवाही ये है कि कान्हाखैरा व आसपास 11 गांवों में करीब 25- 25 लाख से पेयजल के लिए बोर, टंकी लगवाए हैं। इसमें लगा पाइप कई जगहों से टूट गया है।

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