Indian News : बलरामपुर | अविभाजित सरगुजा के विकास पुरुष कहे जाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री लरंगसाय की प्रतिमा 14 वर्ष के बाद भी स्थापित नहीं हो सकी है । आज भी नगर पालिका कार्यालय बलरामपुर के बाहर उनकी प्रतिमा धूल खा रही है । जनप्रतिनिधि और अधिकारी काका लरंगसाय की प्रतिमा को स्थापित करने कोई पहल नहीं कर रहे है ।

14 वर्ष से काका लरंगसाय की प्रतिमा को अनावरण का इंतजार

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बलरामपुर अविभाजित सरगुजा के विकास पुरुष कहे जाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री लरंगसाय की प्रतिमा 14 वर्ष के बाद भी स्थापित नहीं हो सकी है। आज भी नगर पालिका कार्यालय बलरामपुर के बाहर उनकी प्रतिमा धूल खा रही है । जनप्रतिनिधि और अधिकारी काका लरंगसाय की प्रतिमा को स्थापित करने कोई पहल नहीं कर रहे है ।

वर्ष 2008 में बलरामपुर नगर पंचायत के द्वारा करीब आठ लाख रुपये की लागत से पूर्व केंद्रीय मंत्री लरंगसाय की प्रतिमा बनवाई गई थी ताकि उनके नाम से चौक का नामकरण कर प्रतिमा स्थापित हो सके, परंतु 14 वर्ष बीत जाने के बाद भी प्रतिमा स्थापित नहीं हो सकी है। प्रतिमा को अभी भी चेहरा ढंक कर नगर पालिका कार्यालय बलरामपुर के बाहर रखा गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री लरंगसाय को विकास पुरुष कहा जाता हैं। उनकी सादगी एवं ईमानदारी के चर्चे आज भी मिसाल हैं, जिस प्रकार से उन्होंने क्षेत्र के विकास के लिए समर्पण भाव से कार्य किया परंतु उन्हें जो सम्मान मिलना चाहिए था, वह नहीं मिल पाया है। भाजपा से जुड़े लरंगसाय तेज तर्रार आदिवासी नेता थे । दिल्ली तक सरगुजा की आवाज उन्होंने पहुंचाई थी। छत्तीसगढ़ को झारखंड से जोड़ने वाले मार्ग पर कन्हर नदी पर पुल का निर्माण उन्ही की देन रही। वे ऐसे जननेता थे जिनके जीवित रहते है। उनके जीते जी ही रामानुजगंज शहर में उनकी प्रतिमा स्थापित की गई थी।

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पुराने कलेक्टोरेट चौक के पास स्थापित होनी थी प्रतिमा

लरंगसाय की प्रतिमा पुराने कलेक्टोरेट चौक के पास स्थापित होनी थी, जहां पर कुछ निर्माण कार्य भी चौक बनाने के लिए हुआ था, परंतु निजी भूमि पड़ जाने के कारण विवाद की स्थिति निर्मित हुई, जिसके बाद वहां प्रतिमा स्थापित नहीं हो सकी थी । नगर पालिका बलरामपुर में भाजपा के 10 साल एंव कांग्रेस के 5 साल सत्तासीन होने के बाद भी यह काम नहीं हो सका।

नगर पालिका का मिल चुका है दर्जा

सन 2008 में जब लरंगसाय की प्रतिमा मंगाई गई थी, तब बलरामपुर नगर पंचायत था जो 2015 में नगर पालिका बना । परंतु लरंगसाय की प्रतिमा स्थापित नहीं हो सकी । इस दौरान भाजपा भी नगर पालिका में काबिज हुई, लेकिन उन्होंने भी लरंगसाय की प्रतिमा स्थापित करने रुचि नहीं दिखाई । लरंगसाय की प्रतिमा स्थापित करने के लिए कलेक्टर निवास के समीप भी चबूतरा का निर्माण किया गया है, परंतु वहां भी प्रतिमा स्थापित नहीं हो सकी।

यह बहुत दुर्भाग्यनक है की आज 14 वर्षों के बाद भी अविभाजित सरगुजा के विकास पुरुष कहे जाने वाले स्व. लरंगसाय की प्रतिमा धूल खा रही है । उनकी प्रतिमा को तत्काल स्थापित किए जाने की आवश्यकता है |

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