Indian News : हाथरस | उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में मंगलवार की शाम को एक बड़ा हादसा हो गया। इसमें कम से कम 122 श्रद्धालुओं की जान चली गई है जबकि कई घायल हुए हैं। यहां साकार हरि बाबा का एक दिवसीय सत्संग चल रहा था। इसमें हिस्सा लेने के लिए सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचे थे। इसी दौरान भगदड़ मच गई और देखते ही देखते बाबा का दरबार श्मशान बन गया। इस हादसे के बाद हर शख्स यह जानना चाहता है कि आखिर कथावाचक साकार हरि बाबा उर्फ भोले बाबा कौन हैं। जिसके सत्संग में इतनी ज्यादा तादाद में अनुयायी पहुंचे हुए थे। आइए जानते हैं बाबा साकार हरि उर्फ भोले बाबा के बारे में-

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नारायण साकार हरि मूल रूप से उत्तर प्रदेश के एटा जिले के बहादुर नगरी गांव के रहने वाले हैं। उनकी शुरुआत पढ़ाई लिखाई यहीं हुई। उच्च शिक्षा के बाद गुप्तचर विभाग की नौकरी कर ली। काफी समय तक नौकरी करते रहे, फिर आध्यात्म की तरफ मुड़ गए। आध्यात्मिक जीवन में आने के बाद अपना नाम सूरजपाल से बदलकर नारायण साकार हरि रख लिया। पटियाली गांव में आश्रम बना लिया।

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बाबा नारायण हरि अक्सर अपने कार्यक्रम के दौरान कुर्ता-पायजामा, तो कभी सफेद सूट, टाई और जूते पहने रहते हैं। सरकार हरि ने बताया कि नौकरी के दिनों से ही उनका मन अध्यात्म की तरफ भागता था जिसके बाद उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया। वे बताते है कि वे लोगों की निस्वार्थ भाव से सेवा करते हैं, उन्हें जो भी दान, दक्षिणा मिलता है, वे सब अपने भक्तों के उपर खर्च कर देते हैं। वे बताते है कि मेरा पूरा जीवन भगवान और अपने भक्त को समर्पित है।

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