Indian News : जयपुर। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में वोटिंग पहले ही हो चुकी थी। शनिवार को राजस्थान में भी मतदान प्रक्रिया संपन्न हुई। बता दें कि राजस्थान विधानसभा चुनाव के इस रिकॉर्डतोड़ मतदान ने सियासी दलों की धड़कनें बढ़ा दी है। वोटिंग के बाद सियासी गलियारों तक एक ही चर्चा है कि आखिर इस वोटिंग के संकेत क्या हैं? गहलोत सरकार रिपीट होगी या बीजेपी को सत्ता मिलेगी।
राजस्थान में मारपीट और फायरिंग के बीच 25 नवंबर को वोटिंग हुई थी। 199 विधानसभा सीटों के लिए कई जगह देर रात तक भी लोग कतार में खड़े हुए नज़र आए राज्य चुनाव आयोग के मुताबिक 74. 13 फीसदी वोटिंग हुई है। सबसे ज्याद वोटिंग जैसलमेर के पोकरण 87. 79 प्रतिशत और तिजारा में 85.15 फीसदी वोटिंग हुई। जबकि सबसे कम मारवाड़ जंक्शन 61.10 औऱ आहोर में 61. 19 फीसदी हुई। सियासी जानकारों का कहना है कि राजस्थान में 0.33 प्रतिशत वोट से भी सत्ता बदली है। 1993 में 0.33 प्रतिशत से भाजपा ओर 2018 में 0 54 फीसदी से अधिक वोट से कांग्रेस की सरकार बनी थी।
2013 में 75 फीसदी रिकार्ड वोटिंग हुई थी। जिसमें बीजेपी की सरकार बनी थी। इस बार हुई बंपर वोटिंग से मतदान में वर्ष 2018 का रिकॉर्ड टूटा है। राजस्थान में अभी तक 74.13 प्रतिशत आंकड़ा मतदान का पहुंच चुका है। जबकि पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। 20 से अधिक सीटों के आंकड़ें अभी आना बाकी है। मतलब मतदान के सारे रिकॉर्ड टूट सकते हैं।
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