Indian News : इंटरनेशनल वुमंस डे 8 मार्च को मनाया जाता है. दरअसल, 1917 में रूस में महिलाओं ने फरवरी के आखिरी रविवार को ‘ब्रेड एंड पीस’ (यानी खाना और शांति) के लिए विरोध और हड़ताल करना शुरू किया था. महिलाओं की हड़ताल ने वहां के सम्राट निकोलस को पद छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया और अंतरिम सरकार ने महिलाओं को मतदान का अधिकार दे दिया था. उस दिन तारीख 23 फरवरी थी. ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, यह तारीख 8 मार्च थी.
आज महिलाओं ने साबित कर दिया है, वह हर क्षेत्र में अपना नाम कमाने में सक्षम हैं. वे पुरुषों से कदम से कदम मिलाकर चल रही है. पुरुषों की तुलना में आज आज भी महिलाओं को करियर से लेकर निजी जिंदगी में ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. शादी के बाद कई महिलाओं को और ज्यादा संघर्ष करना पड़ता है शादी के बाद कई महिलाओं को और ज्यादा संघर्ष करना पड़ता है लेकिन अगर वे शुरू से ही कुछ बातों का ध्यान रखें तो इन परेशानियों को काफी हद तक कम किया जा सकता है.
तो आइए जानते हैं, वे कौन सी गलतियां हैं, जिन्हें महिलाओं को शादी की शुरुआत से ही करने से बचना चाहिए.
अपनी खुशियों को भूलना ‘पावर ऑफ टू’ बुक के राइटर सुसान हेटलर के मुताबिक, महिलाएं शादी के बाद अपनी खुशियों को छोड़कर अपने परिवार को खुश करने में लग जाती हैं. वे कुछ करना तो तो चाहती हैं, लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण वे अपने मन को मार लेती हैं. ऐसे में जब वे अपने मन को मारकर पसंदीदा काम नहीं करतीं तो एक समय पर उनकी इस लाचारी से उनके अंदर गुस्सा जन्म लेने लगता है.
अगर यह गुस्सा बाहर आता है, तो कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं. इसलिए अपने मन की इच्छा और अन्य बातों को अपने अंदर छुपाने की जगह पति से बात करें. अब भले ही वह बात घर के काम करने के बारे में हो, हसबैंड के साथ समय न बिता पाने के बारे में हो. अगर आप किसी भी बारे में शुरुआत में ही बात करती हैं, तो लाइफ को बेहतर तरीके से प्लान किया जा सकता है.
अपेक्षाओं या उम्मीदों के बारे में बात नाकरना
लुइसविले यूनिवर्सिटी में कपल्स थैरेपी के असिस्टेंट प्रोफेसर, फैमिली और मैरिज थैरेपिस्ट एली करम के मुताबिक, शादी के बाद कुछ कपल्स जो सबसे अच्छा काम करते हैं, वो ये है कि वे शुरू से ही पैरेन्ट्स बनने, काम करने या न करने और फाइनेंसिअल एक्सपेंस को लेकर बात कर लेते हैं. लेकिन कई कपल्स ऐसी बातें पहले क्लियर नहीं करते. अगर महिलाएं शादी के बाद शुरू में ही अपनी उम्मीदों और अपेक्षाओं के बारे में बात नहीं करती हैं, तो आगे चलकर उनके सामने समस्या पैदा हो सकती हैं. आप शादी के पहले अगर इन चीजों को क्लियर नहीं कर पाई हैं तो शादी के बाद जल्द से जल्द इन पर अपने पार्टनर से बात कर लेनी चाहिए.
सही ढंग से अपनी बात ना रख पाना
एली करम कहते हैं, अगर आपको लगता है कि आपके पति आपकी बात नहीं सुन रहे हैं, तो आप उन तरीकों का पता लगाएं कि वो आपकी बात को को सुनें और समझें. अपनी बात उन तक पहुंचाने के लिए या उन्हें समझाने के लिए एक ही तरीके को बार-बार न अपनाएं. हो सकता है आप जिस तरह से उन्हें समझाना चाह रही हों, वे उस तरीके को नहीं समझ पा रहे हैं. कई बार ऐसा होता है कि सामने वाला समझ नहीं पाता कि आप क्या कहना चाहते हैं और आपकी बात पर उसे क्या क्या कहना चाहिए. इसलिए अपनी कम्यूनिकेशन स्किल को सुधारें, ताकि आप अपनी बात उन तक पहुंचा सकें.
सेहत को नजरअंदाज करना
कई महिलाएं शादी के बाद अपनी सेहत की चिंता करना छोड़ देती हैं. जिस कारण उनकी सेहत दिन-ब-दिन कमजोर होती जाती है और उनका वजन भी बढ़ने लगता है. इसकी अपेक्षा अपनी सेहत को जिम्मेदारी के साथ लें और सेहत पर भी ध्यान दें. अगर आप ऐसा नहीं करती हैं, तो एक समय ऐसा आएगा, जब सेहत को सही करना काफी मुश्किल हो जाएगा और फिर अहसास होगा कि काश पहले से ही सेहत पर ध्यान दिया होता. फिट रहने के लिए डाइट पर ध्यान दें और हल्की-फुल्की एक्सरसाइज जरूर करें.
सेक्स को प्राथमिकता नहीं देना
कई शादीशुदा मामलों में देखा जाता है कि महिलाएं सेक्स के लिए पर्याप्त समय नहीं निकाल पाती हैं, जो कि शादी के बाद होने वाली काफी बड़ी गलती है. सेक्सुअल लाइफ के हेल्दी रहने से पति-पत्नी का रिलेशन काफी अच्छा रहता है और मूड भी सही रहता है. इसलिए महिलाओं को भी अपने पतियों को प्यार करने के लिए समय निकालना चाहिए. एली करम कहते हैं कि फिजिकल अट्रैक्शन भी रिलेशन में काफी मायने रखता है, इसलिए अपनी ओर.ओर भी ध्यान दें, ताकि सेक्सुअल अट्रैक्शन से आपकी लाइफ अच्छे से चल सके
ससुराल में चीखना-चिल्लाना
अक्सर सभी से कहा जाता है कि शब्द से अधिक चोट कोई नहीं पहुंचा सकता है, इसलिए हमेशा सोच समझकर और अच्छे लहजे में बोलना चाहिए. अब अगर आपको कोई समस्या या प्रॉब्लम है, तो उस बात को ससुराल में चिड़चिड़ी, उदासी या फिर तेज आवाज में बोलने के बजाय सलीके से कहें. ऐसा करने से सामने वाला आपकी बात को समझेगा और उसका हल निकालेगा. वहीं अगर गलत तरीके से बात करती हैं, तो हो सकता है, बात बनने की जगह और अधिक बढ़ जाए.
आत्मनिर्भर न रहना
इस बात को समझ सकते हैं कि हाउस वाइफ, अक्सर फाइनेंसिअल एक्सपेंसेस के लिए अपने हसबैंड पर निर्भर रहती हैं. कई बार जरूरत के समय उन्हें हसबैंड से पैसे मांगने पर अच्छा महसूस नहीं होता. इसका कारण है महिलाओं को अपनी जिम्मेदारियों का अहसास होता है और वे सोचती हैं कि हसबैंड पर वैसे ही लोड अधिक है, अगर वे किसी चीज के लिए पैसे के लिए बोलेंगी तो हसबैंड की जेब पर अधिक लोड आ सकता है. ऐसा करके आप अपना मन मार लेती हैं. अगर इसकी अपेक्षा अगर मुमकिन हो तो वे कमाई के रास्ते खोज सकती हैं. जैसे घर पर ही कोई छोटा-मोटा काम कर सकती हैं, या फिर जॉब भी कर सकती हैं. इससे आपको अपने कुछ कुछ खर्चों को खुद भी निकाल सकती हैं और हसबैंड पर अधिक निर्भर रहने की जरूरत नहीं होगी.
सेविंग करके न रखना
अगर आप जॉब कर रही हैं, तो सारी सैलरी हसबैंड या सास-ससुर को देने की बजाय सैलरी का कुछ हिस्सा अपने पास भी रखें. दरअसल, फाइनेंसिअल मजबूती पुरुष और महिला दोनों के लिए जरूरी होती है. हो सकता है कोई इमरजेंसी के समय आपको किसी काम के लिए अचानक पैसे की जरूरत पड़े, तो आपको किसी से मांगने की जरूरत नहीं होगी. आप अपनी सेविंग का उपयोग कर सकती हैं और काम चला सकती हैं.