Indian News : नई दिल्ली | कोविड महामारी के बाद इंटरनेट का इस्तेमाल काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है. इंटरनेट की मदद से ही वर्क फ्रॉम होम और ऑनलाइन स्टडी जैसे काम आसानी से हो रहे हैं. लेकिन इससे ऑनलाइन फ्रॉड के मामले भी बढ़े हैं. लेकिन आपको बता दें कि इंटरनेट का जितना आप और हम इस्तेमाल करते हैं, वो इस वर्चुअल वर्ल्ड का महज 5 से 10 फीसदी हिस्सा है. इंटरनेट की एक बड़ी दुनिया है, एक बड़े हिस्से में हम नहीं पहुंच पाते हैं और उस दुनिया को कहा जाता है डार्क वेब. डार्क वेब एक ऐसी जगह है, जहां ड्रग्स, हथियार, अंडरवर्ल्ड, हैकिंग और गैरकानूनी काम होते हैं. आइए जानते हैं डार्क वेब के बारे में डिटेल में…

क्या है Dark Web?

नाम सुनते ही सबसे पहले मन में यही ख्याल आता है कि आखिर यह है क्या? यह वेब का अनछुआ हिस्सा है, जहां हर कोई नहीं पहुंच सकता है. इसके जरिए आम लोगों को ठगा जाता है और कई प्रकार के काले धंधे किए जाते हैं.




हम करते हैं सर्फेस वेब का इस्तेमाल

हम वेब के जिस हिस्से का इस्तेमाल करते हैं, उसे सर्फेस वेब कहा जाता है. सर्फेस वेब के मुकाबले डार्क वेब बिल्कुल अलग है. डार्क वेब में कंटेंट का रेगुलेशन नहीं है. डार्क वेब तक पहुंचने के लिए स्पेशल परमिशन की जरूरत होती है.

कौन लोग करते हैं डार्क वेब का इस्तेमाल

अब आप सोच रहे होंगे कि डार्क वेब का इस्तेमाल कौन लोग करते हैं. माना जाता है कि दुनियाभर भर में होने वाले गैरकानूनी और गलत काम की प्लानिंग वहीं होती है. इसके अलावा व्हिसलब्लोअर भी इसका इस्तेमाल करते हैं. खोजी पत्रकार और सरकार-कॉरपोरेट के घोटालों को उजाकर करने के लिए डार्क वेब का इस्तेमाल करते हैं.

क्या गैरकानूनी है डार्क वेब?

बता दें, डार्क वेब का इस्तेमाल करना अवैध नहीं है. यहां कोई भी पहुंच सकता है, लेकिन डार्क वेब का इस्तेमाल गैरकानूनी कामों के लिए नहीं होना चाहिए.

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