Indian News : श्रीनगर | जम्मू-कश्मीर की राजनीति में आज बड़ा मोड़ देखने को मिला है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला आज मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं, लेकिन उनके शपथ ग्रहण से पहले कांग्रेस ने सरकार में शामिल न होने का फैसला किया है। हालांकि, दोनों पार्टियों ने विधानसभा चुनाव में गठबंधन कर जीत दर्ज की थी, लेकिन अब कांग्रेस ने अपनी अलग राह चुन ली है।
उमर अब्दुल्ला बने मुख्यमंत्री : नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला आज जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। चुनाव में गठबंधन के जरिए मिली जीत के बाद उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में सरकार बनने जा रही है, लेकिन कांग्रेस के इस फैसले से सरकार में सिर्फ नेशनल कॉन्फ्रेंस की भागीदारी होगी।
कांग्रेस का बड़ा फैसला : शपथ ग्रहण समारोह से कुछ ही घंटे पहले कांग्रेस ने सरकार में शामिल न होने का ऐलान किया। कांग्रेस आलाकमान ने यह स्पष्ट किया है कि पार्टी विपक्ष में बैठने का निर्णय ले चुकी है। यह फैसला राजनीतिक विश्लेषकों के बीच चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने मिलकर चुनाव लड़ा था और जीत भी हासिल की थी।
गठबंधन से उम्मीदें, अब नए समीकरण : कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने साथ मिलकर चुनावी मैदान में कदम रखा था और जीतने के बाद सभी को उम्मीद थी कि ये दोनों पार्टियां मिलकर सरकार बनाएंगी। लेकिन अब कांग्रेस के इस फैसले से गठबंधन टूटने के संकेत मिल रहे हैं और जम्मू-कश्मीर की राजनीति में नए समीकरण बन सकते हैं।
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उमर अब्दुल्ला की चुनौतियां : उमर अब्दुल्ला के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके सामने नई चुनौतियां होंगी। गठबंधन के बगैर सरकार चलाना, और कांग्रेस के विपक्ष में बैठने के बाद, अब उन्हें राज्य की राजनीति में मजबूती से कदम बढ़ाने होंगे। राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि कांग्रेस का यह कदम सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।
आगे की रणनीति : कांग्रेस के इस फैसले के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस को अब अपनी सरकार को स्थिर रखने के लिए नई रणनीतियों पर विचार करना होगा। उमर अब्दुल्ला को विपक्षी कांग्रेस का सामना करते हुए राज्य में विकास और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
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