Indian News : जब जीवित थे तो एक दूसरे के साथ जीने और मरने के वादे किया करते थे। परिवार के लोग बुजुर्ग पति पत्नी के मुख से ये बातें सुनते थे तो मुस्कुरा दिया करते थे, किसी ने ये बात सोचा भी नहीं था कि जिन बातों को वे हंसकर टाल दिया करते थे वह कभी सच हो जाएगी। हमेशा दोस्तों की तरह रहने वाले पति-पत्नी 24 घंटे के अंदर इस दुनिया से विदा हो गए और अपने अटूट प्रेम का सबूत दे गए।

शहर के नंदवाना क्षेत्र में रहने वाले 87 वर्षीय राधाकिशन माहेश्वरी(डांगरा) और उनकी पत्नी 85 वर्षीय कमलादेवी का निधन हो गया। रविवार को दोनों की अंतिम यात्रा घर से साथ साथ ही निकाली गई। इतना ही नहीं दोनों को श्मशान में एक ही चिता पर अग्नि दी गई।

राधाकिशन लंबे समय से बीमार थे, कमलादेवी उनकी देखरेख करती थीं। शनिवार को अचानक कमलादेवी की तबियत खराब हुई और उनका निधन हो गया। इसी दौरान जब उनके पति राधाकृष्ण को ये बात पता चली तो कुछ समय बाद उनका भी निधन हो गया।




राधाकृष्ण और कमलादेवी की कोई संतान नहीं थी वह अपने भाइयों के बच्चों के साथ रहते थे। भतीजे रवि माहेश्वरी ने बताया कि उनकी ताईजी हमेशा ताऊजी से कहा करती थीं कि देखिए आपसे पहले मैं ही जाऊंगी आप बाद में मेरे पीछे पीछे आना, परिवार के लोग आश्चर्य में हैं कि उनकी कही एक एक बात सच हो गई। वे सुहान ही जाने की प्रार्थना भगवान से किया करती थीं। दोनों हमेशा ही दोस्तों की तरह रहते थे, संयोग देखिए कि अंतिम संस्कार भी फ्रेंडशिप डे पर हुआ। रवि ने बताया कि जब दोनों को अंतिम यात्रा के लिए उठाया तो ताऊजी के हाथ में ताईजी की चुन्नी फंस गई थी। जिसे देखकर परिवार के लोग और ज्यादा भावुक हो गए थे।

नंदवाना में रविवार सुबह दोनों की अर्थी सजाई गई। कमलादेवी को पूरे श्रृंगार के साथ सजाया गया तो वहीं राधाकिशन को भी नए वस्त्र पहनाए गए। साथ ही अर्थी उठीं, एक वाहन में दोनों की अर्थियों को श्मशान तक ले जाया गया। रास्ते में जिसने भी दोनों की अर्थी साथ जाते देखी भावुक होने के साथ अचंभित भी हो गया। पूरे शहर में दिनभर इस अटूट प्रेम की बातें चलती रहीं। मृतक राधाकिशन के एक भाई हैं गोविंद डांगरा जो परिवार के साथ भोपाल में रहते हैं। यहां परिवार के दूसरे लोग उनकी देखरेख किया करते थे।

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