Indian News : पंजाब के पटियाला में शुक्रवार (29 अप्रैल 2022) को हुई हिंसा को लेकर शिवसेना पंजाब ने कड़ा एक्शन लिया है। शिवसेना की पंजाब इकाई ने शुक्रवार (29 अप्रैल) को पटियाला में खालिस्तान विरोधी मार्च का आह्वान करने के लिए नेता हरीश सिंगला को निष्कासित कर दिया।
शिवसेना के पंजाब प्रमुख योगराज शर्मा ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि हरीश सिंगला, जोकि शिवसेना (बाल ठाकरे) के कार्यकारी अध्यक्ष होने का दावा करते हैं, उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण निष्कासित किया जाता है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि ये फैसला पार्टी सुप्रीमो उद्धव ठाकरे, युवा विंग के प्रमुख आदित्य ठाकरे और राष्ट्रीय सचिव अनिल देसाई के आदेश से लिया गया है।
शिवसेना का कोई लेना-देना नहीं: योगराज शर्मा ने कहा कि सिंगला पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं न कि कार्यकारी अध्यक्ष। उन्होंने कहा, “हमने लगभग 10 दिन पहले पटियाला पुलिस को बताया था कि हरीश सिंगला के मार्च के आह्वान से शिवसेना का कोई लेना-देना नहीं था और यह सिंगला का निजी कार्यक्रम था न कि पार्टी का कार्यक्रम।” वहीं दूसरी ओर पार्टी के इस फैसले पर बात करते हुए हरीश सिंगला ने कहा कि योगराज शर्मा को उन्हें निष्कासित करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि पंजाब में शिवसेना प्रमुख के तौर पर वह सिर्फ नए सदस्यों को शामिल कर सकते हैं लेकिन मेरे जैसे वरिष्ठ नेता को निष्कासित नहीं कर सकते।
खालिस्तान विरोधी नारे क्यों नहीं लगा सकते? सिंगला ने कहा कि करीब 15 दिन पहले प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस के गुरपतवंत सिंह पन्नून ने हरियाणा के जिला पुलिस कार्यालयों में खालिस्तान स्थापना दिवस मनाने का आह्वान किया था, जिसके बाद खालिस्तान विरोधी विरोध मार्च की घोषणा की गई थी। उन्होंने कहा, “अगर वो अपने आयोजनों में खालिस्तान के समर्थन में नारे लगा सकते हैं, तो हम खालिस्तान विरोधी नारे क्यों नहीं लगा सकते?
खालिस्तान पर जुलूस निकालने को लेकर विवाद: पंजाब के पटियाला में काली मंदिर के पास दो पक्षों में खालिस्तान पर जुलूस निकालने को लेकर विवाद हो गया। दोनों तरफ से तलवारें लहराई गईं और पत्थरबाजी हुई। ये विवाद इतना बढ़ गया कि पुलिस को हवाई फायरिंग कर मामले पर काबू पाना पड़ा। इस घटना में एसएचओ समेत कुछ और लोग चोटिल हो गए। फिलहाल इलाके में तनाव की स्थिति बतायी जा रही है।