Indian News : अगर अगस्त 19 तारीख तक बदरपुर के 450 फेरीवालों को पहले की तरह ट्रेन से फेरी लगाने की जिम्मेदारी नहीं दी गई वापस काम पर नहीं लिया गया तो दो हजार पीड़ितों के परिजन भयानक भूख हड़ताल पर बैठेंगे चेतावनी दी.
असम के बराक बेली हॉकर समिति की निष्पक्ष अधिकारों की लड़ाई में हिंदू सुरक्षा बलों का पूर्ण समर्थन कर रहे है, गौरतलब है कि पिछले चार महीनों से करीमगंज जिले के बदरपुर रेलवे अधिकारियों ने फेरीवालों को ट्रेन पर फेरी करने और चढ़ने की अनुमति देना बंद कर दिया है, यदि आप इसका कारण जानना चाहते हैं कि 40/50 सालों से अपने रोजी-रोटी के लिए ट्रेन में फेरी करते हुए किसी तरह अपने परिवार का पालन-पोषण करने वाले गरीब बेचारे फेरीवालों को अचानक उनके रोजी रोटी छीन लिया गया वह कहां जाए सरकार बोलती है |
सबका साथ सबका विकास यहां पर तो गरीबों के ऊपर जुल्म हो रहा है विकास कहां पर दूर-दूर तक विकास की बूंद भी नजर नहीं आ रही है, सरकार इस पर ध्यान दें क्योंकि गरीबी लोग न्याय से वंचित हो रहे हैं, बदरपुर रेलवे अधिकारी ऐसा क्यों कर रहे हैं यह एक और रहस्य है जिस पर अब सवालिया निशान है। बदरपुर रेलवे प्राधिकरण को एक लिखित उत्तर देना कि मांग की अचानक फेरीवालों को क्यों निकाल दिया गया उनके ऊपर नाइंसाफी क्यू । भारत और असम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उड़ीसा, गुवाहाटी, हाफलोंग , तिनसुकिया, हर जगह फेरीवाला व्यवस्था होने पर भी केवल बदरपुर में ही गरीब फेरीवालों को क्यों रोका जाता है।पूछने पर रेल क्षेत्र प्रबंधक का सीधा जवाब था कि यह टूरिस्ट क्षेत्र है ।
टूरिस्ट क्षेत्र होने से क्या फेरीवालों अपनी पत्नी और बच्चों के मुंह में दो मुट्ठी निवाला देने का अवसर या व्यवस्था नहीं होगी किया। फेरीवाले जानना चाहते हैं जिला प्रशासन के अधिकारियों से यह कहां का न्याय है. सामाजिक कार्यकर्ता मुन्नी छेत्री ने बराक के सभी स्तर के नागरिकों, पार्टियों, संगठनों से विनम्रतापूर्वक आह्वान किया कि वे जाति, धर्म, और हर चीज से ऊपर उठकर इन वंचित फेरीवाले भाइयों के उनके समर्थन में आगे आए और हक दिलाने की लड़ाई में बराक द्वारा बुलाई गई भूख हड़ताल का पूरा समर्थन करें।
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