Indian News : छत्तीसगढ़ | रायगढ़ में आयोजित चक्रधर समारोह का भव्य शुभारंभ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने रायगढ़ में एक संगीत महाविद्यालय की स्थापना की घोषणा की, जो क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को समृद्ध करेगा। चक्रधर समारोह के मंच पर विभिन्न कलाकारों की प्रस्तुतियों के साथ-साथ सांस्कृतिक आयोजन ने इस कार्यक्रम को और भी विशेष बना दिया है।
मुख्यमंत्री की घोषणा : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने चक्रधर समारोह के उद्घाटन के दौरान रायगढ़ में संगीत महाविद्यालय की स्थापना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देने और युवाओं को संगीत के क्षेत्र में प्रशिक्षण देने का एक महत्वपूर्ण कदम है। साय ने अपने पिछले 20 वर्षों के राजनीतिक करियर का उल्लेख करते हुए कहा कि वह पहली बार इस समारोह में मुख्यमंत्री के रूप में शामिल हो रहे हैं।
वित्तमंत्री ओपी चौधरी की बात : रायगढ़ के विधायक और वित्तमंत्री ओपी चौधरी ने चक्रधर समारोह की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह मंच दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों से कलाकारों को आकर्षित करता है और भविष्य में विदेशी कलाकारों की भी सिफारिश आएगी। चौधरी ने राजा चक्रधर सिंह की कत्थक पर लिखी पुस्तक ‘ताल तोए निधि’ का भी उल्लेख किया और संगीत महाविद्यालय की मांग की।
ऐतिहासिक क्षण : रायगढ़ जिला प्रभारी राम विचार नेताम ने चक्रधर समारोह को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह आयोजन कला और संस्कृति का संगम है। उन्होंने राजा चक्रधर सिंह की कला को सराहा और कहा कि यह समारोह रायगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर को आगे बढ़ाने में सहायक होगा। नेताम ने इस अवसर को कला के सागर के निर्माण का प्रतीक बताया।
पद्मश्री हेमा मालिनी की प्रस्तुति : चक्रधर समारोह के आयोजन में पद्मश्री हेमा मालिनी ने 12 साल बाद अपनी प्रस्तुति दी। उन्होंने ‘राधा रासबिहारी’ की प्रस्तुति से दर्शकों का दिल जीत लिया। उनकी प्रस्तुति ने कार्यक्रम स्थल को तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजा दिया और दर्शकों ने उनके प्रदर्शन की भरपूर सराहना की।
आने वाले कार्यक्रम : रविवार को चक्रधर समारोह में कई प्रमुख कलाकारों की प्रस्तुतियां予定 हैं। विजय शर्मा द्वारा लोक गायन, सुश्री वाणी राव द्वारा शास्त्रीय गायन, पूर्णाश्री राउत द्वारा ओड़िसी नृत्य, दीपान्निता सरकार द्वारा कथक, पद्मश्री रंजना गौहर द्वारा ओड़िसी नृत्य, सुश्री मंदाकिनी स्वैन द्वारा शास्त्रीय गायन और सौगत गांगुली द्वारा सरोद वादन की प्रस्तुतियां दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेंगी।
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