Indian News : भारत में सड़कों का जाल बहुत तेजी से बनाया जा रहा है. इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ में भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत रायपुर और वेशाखापट्टनम के बीच 464 किमी लंबी सिक्सलेन सड़क के लिए केशकाल में ढाई किमी लंबी टनल का निर्माण मार्च से शुरू हो जाएगा. यह छत्तीसगढ़ की पहली सबसे बड़ा टनल है. नगर, इससे पहले नेशनल हाईवे अथॉरिटी और ठेकेदार कंपनी पहाड़ का सर्वे करा रही है. इसका मकसद यह पता करना है कि कहीं टनल बनाने में पहाड़ धंस तो नहीं जाएगा. दरअसल, उत्तराखंड के जोशीमठ में पहाड़ के दरकने और करीब 600 घरों में दरार आने के बाद वहां के लोग बुरी तरह से डरे हुए हैं |
जोशीमठ जैसी स्थिति यहां नहीं बनेगी लहाजा, छत्तीसगढ़ के केशकाल में टनल से पहले पहाड़ की अच्छी तरह से जांच की जा रही है. शुरुआती तौर पर जयोफिजियोलॉजी रिपोर्ट मिल गई है. इसके मुताबिक, यह पहाड़ करीब 30 लाख साल पुराना है. इसकी वजह से यह बेहद सख्त है. यह ठोस ग्रेनाइट की चट्टान वाला पहाड़ बताया जा रहा है. जोशीमठ में पहाड़ खिसकने से काफी जानमाल का नुकसान होने की आशंका है. मगर, वैसी स्थिति यहां नहीं है. दरअसल, इस पहाड़ पर कोई बसाहट नहीं है |
लिहाजा, छत्तीसगढ़ के केशकाल में टनल से पहले पहाड़ की अच्छी तरह से जांच की जा रही है. शुरुआती तौर पर जियोफिजियोलॉजी रिपोर्ट मिल गई है. इसके मुताबिक, यह पहाड़ करीब 30 लाख साल पुराना है. इसकी वजह से यह बेहद सख्त है. यह ठोस ग्रेनाइट की चट्टान वाला पहाड़ बताया जा रहा है. जोशीमठ में पहाड़ खिसकने से काफी जानमाल का नुकसान होने की आशंका है. मगर, वैसी स्थिति यहां नहीं है. दरअसल, इस पहाड़ पर कोई बसाहट नहीं है |
छत्तीसगढ़ में रोड की लंबाई महज 124 किमी होगी
रायपुर से विशाखापट्टनम रोड की छत्तीसगढ़ में लंबाई महज 124 किमी होगी. यह रोड उड़ीसा होते हुए आंध्र प्रदेश पहुंचेगी. छत्तीसगढ़ में तीन हिस्से में काम हो रहा है. अभनपुर से सारंगी तक, सारंगी से बासरवाही और बासरवाही से मरांगपुरी (उड़ीसा बॉर्डर) तक. टनल बासरवाही और गोविंदपुर के बीच में बनेगी. जानकार बताते हैं कि केशकाल बस्तर क्रिस्टोन का हिस्सा है और चारामा तक केवल ग्रेनाइट के पहाड़ हैं |
विशाखापट्टनम रोड टनल निर्माण से कई फायदे मिलेंगे
- केशकाल घाटी में 12 खतरनाक मोड़ हैं. यहीं हादसे होते हैं, जो कम हो जाएगा |
- ट्रांसपोर्टेशन आसान होगा क्योंकि बड़ी गाड़ियों को घाटी में नहीं चढ़ाना होगा |
- रायपुर से 7 घंटे में विशाखापट्नम पहुंच सकेंगे. तेज संपर्क का फायदा मिलेगा |
सुरंग के बनने से बस्तर के कई जिलों को होगा फायदा
इस टनल के बन जाने के बाद बस्तर के कई जिलों को फायदा होगा. केशकाल, कोडागांव, नारायणपुर, जगदलपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा तमाम आदिवासी जिले हैं. इन जिलों में आवागमन के लेकर काफी समस्या रहती है. केशकाल की घाटी में 12 खतरनाक मोड़ है, जिसके कारण आए दिन दुर्घटना होती है और जाम लगा रहता है. इस योजना को लेकर बस्तर संभाग के तमाम जिलों में यात्रा करना आसान हो जाएगा |
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