Indian News : अयोध्या | उत्तर प्रदेश के अयोध्या में दीपोत्सव समारोह के सफल समापन के बाद प्रशासन ने घाटों की सफाई का कार्य शुरू किया। इस सफाई अभियान का उद्देश्य न केवल धार्मिक स्थलों की स्वच्छता बनाए रखना है, बल्कि स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाना भी है। दीपोत्सव के दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने घाटों का दौरा किया, जिसके बाद यहाँ सफाई आवश्यक हो गई थी।

सफाई अभियान का महत्व

दीपोत्सव के दौरान अयोध्या में भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी, जिससे घाटों पर काफी बिखराव हुआ था। इस बात को ध्यान में रखते हुए नगर निगम ने सफाई अभियान शुरू किया। यह अभियान न केवल स्वच्छता को सुनिश्चित करता है, बल्कि श्रद्धालुओं और पर्यटकों को एक बेहतर अनुभव भी प्रदान करता है।

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स्वच्छता का संदेश

अयोध्या के घाटों की सफाई के साथ-साथ, प्रशासन ने स्वच्छता का महत्व भी बताया। नगर निगम के अधिकारियों ने कहा कि स्वच्छता केवल जिम्मेदारी नहीं, बल्कि यह हमारी संस्कृति का हिस्सा है। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे अपने आस-पास की जगहों को साफ-सुथरा रखने में सहयोग करें और नियमित रूप से स्वच्छता अभियान में भाग लें।




सामुदायिक सहभागिता

इस सफाई अभियान में स्थानीय निवासियों और स्वयंसेवकों ने भी भाग लिया। उन्होंने मिलकर घाटों की सफाई की और कचरा एकत्रित किया। इस सामुदायिक प्रयास से न केवल घाटों की स्थिति बेहतर हुई, बल्कि स्थानीय लोगों में एकजुटता और स्वच्छता के प्रति जागरूकता भी बढ़ी।

पर्यटन के लिए सकारात्मक पहल

अयोध्या में दीपोत्सव के बाद घाटों की सफाई से पर्यटन पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। स्वच्छ और सुंदर घाट पर्यटकों को आकर्षित करते हैं, जिससे यहाँ के स्थानीय व्यवसायों को भी बढ़ावा मिलता है। अधिकारी उम्मीद कर रहे हैं कि यह सफाई अभियान आने वाले समय में अधिक पर्यटकों को यहाँ लाएगा।

निष्कर्ष

दीपोत्सव समारोह के बाद घाटों की सफाई एक महत्वपूर्ण कदम है जो न केवल धार्मिक स्थलों की देखभाल करता है, बल्कि समाज में स्वच्छता और एकता का संदेश भी फैलाता है। अयोध्या का यह प्रयास सभी नागरिकों के लिए प्रेरणा का स्रोत है कि वे अपने पर्यावरण का ध्यान रखें और स्वच्छता को प्राथमिकता दें।

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