Indian News : रायपुर | वर्तमान सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, इस नारे के साथ मौजूदा सरकार शहर के साथ-साथ हर ग्रामीण इलाकों में परिवहन व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है । लेकिन जन विशेषज्ञों का कहना है कि इन विकासात्मक कार्यों के कदमों का क्या फायदा, ऐसे खराब गुणवत्ता वाले कार्यों के लिए कौन जिम्मेदार है? इस तरह की लापरवाही का नतीजे के कारण करीब डेढ़ साल में सड़के जर्जर देखने को मिला पाथारकंडी बाजार और कनाई बाजार इलाके के बाईपास मे आम लोगों को भी इस सड़के जर्जर होने से समस्या का सामना करना पड़ा है. जैसे की पाथारकंडी बाजार और कनाईबाजार इलाके में ट्रैफिक जाम की समस्या को दूर करने के लिए करोड़ों रुपये की लागत से बाइपास रोड का निर्माण किया गया था.
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बिन्नी कंस्ट्रक्शन कंपनी ने इस प्रोजेक्ट को समय पर पूरा किया. दस किलोमीटर की इस बाइपास सड़क के निर्माण के ढाई साल बाद ही पूरी सड़क जगह-जगह पोखर में तब्दील हो गयी है. कुछ स्थानों पर गड्ढे बड़ी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं और वाहनों की आवाजाही में काफी बाधा उत्पन्न कर रहे हैं । छोटे और मझोले वाहनों का बाइपास मार्ग पर आना लगभग बंद हो गया है । खासकर बरसात के मौसम में लंबी दूरी के वाहन चालकों को गड्ढों में पानी होने के कारण पता ही नहीं चलता और घंटों इंतजार करना पड़ता है। यह भी देखा गया है कि कभी-कभी लंबी दूरी की मालवाहक गाड़ियां बायपास रोड पर जाने के बजाय राष्ट्रीय राजमार्ग से शहर में प्रवेश कर रही हैं ।
नतीजतन, पाथारकंडी बाजार और कनाई बाजार इलाकों में पैदल चलने वालों को भीषण ट्रैफिक जाम से परेशानी हो रही है । स्थानीय जागरूक लोगों ने जब बाइपास सड़क की दुर्दशा की ओर स्थानीय विधायक कृष्णेंदु पाल का ध्यान आकृष्ट कराया तो शरद सत्र के कारण दिसपुर मे थे उन्होंने फिर भी इस मामले को गंभीरता से लिया. इसलिए उन्होंने वहीं से टेलीफोन के माध्यम से एनएचआईडीसीएल के डीजीएम संजय गौरांग के समक्ष मामला उठाया और उन्होंने विधायक को आश्वासन दिया कि सड़क की मरम्मत का काम कुछ दिनों में शुरू हो जाएगा । अब लोगो को देखना यह है कि जर्जर सडके का काम कब तक पूरा होता है ।
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