Indian News : राज्य में प्रधान शिक्षक की बहाली के लिए लिखित परीक्षा की तिथि बीपीएससी ने 18 दिसंबर घोषित कर रखी है लेकिन इसी दिन 18 तारीख को बिहार में निकाय चुनाव की तारीख की घोषणा चुनाव आयोग ने कर दी है। हालांकि चुनाव को लेकर कोर्ट में अभी पेंच चल रहा है लेकिन तिथि तो घोषित है ही। बता दें कि साढ़े 40 हजार पदों पर यह परीक्षा होनी है। इसके लिए जानकारी है कि लगभग डेढ़ लाख शिक्षकों ने अप्लाई किया हुआ है। इसमें बड़ी संख्या में सरकारी शिक्षक आवेदक हैं।

बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज कुमार कहते हैं कि बीपीएससी को प्रधान शिक्षक परीक्षा की तिथि बदलनी चाहिए। 40 हजार पदों पर यह बहाली के लिए जितने आवेदक हैं उनमें आधे से अधिक की चुनावी ड्यूटी लगने वाली है। इसलिए अविलंब तिथि बदलनी चाहिए। वे कहते हैं कि जिस स्कूल में मैं हेडमास्टर हूं वहां तीन लोगों ने आवेदन भरा है जिसमें से दो की ड्यूटी चुनाव में लग रही है। वे यह भी कहते हैं कि बीपीएससी को ध्यान रखना चाहिए कि वे शिक्षकों की परीक्षा ले रहे हैं न कि आईएएस की। किस परीक्षा में किस लेवल का प्रश्न पूछा जाए इसका ध्यान आयोग को रखना चाहिए।

बिहार नियोजित शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम कहते हैं कि शिक्षकों की ड्यूटी लगेगी चुनाव में ऐसे में उस दिन परीक्षा कैसे संभव है? बीपीएससी को प्रधान शिक्षक परीक्षा की तिथि बदलनी चाहिए। चुनाव खत्म होने के बाद ही परीक्षा ली जाना चाहिए। टीईटी- एसटीईटी नियोजित शिक्षक संघ के प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पांडेय ने मांग की है कि चुनाव की तिथि बढ़ायी जाए। या तो पहले की जाए या चुनाव के बाद परीक्षा ली जाए। बिहार के प्राथमिक स्कूल बिना प्रधान शिक्षक के चल रहे हैं। इससे शिक्षा पर असर पड़ रहा है। लंबे समय से शिक्षक इस परीक्षा का इंतजार कर रहे हैं। पहले भी कई बार तिथि बढ़ायी जा चुकी है।

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