Indian News : दिल्ली-एनसीआर (Pollution in Delhi-NCR) में इस समय वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर बना हुआ है. सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद भी प्रदूषण का स्तर कम होने के लिए तैयार नहीं है. उत्तर भारत के अलग-अलग राज्य में इन दिनों पराली जलाने की घटनाएं खूब देखने को मिल रही हैं. राज्य सरकारें किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए अलग-अलग प्रावधान कर रही हैं. इस बीच उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इस पर बड़ा फैसला लिया है.
योगी सरकार की तरफ से घोषणा की गई कि यूपी के जिन किसानों की तरफ से पराली जलाई गई तो ऐसे लोगों को ‘पीएम किसान सम्मान निधि’ (PM Kisan Samman Nidhi) योजना का पैसा नहीं मिलेगा. खेत में पराली जलाना पर्यावरण के लिए खतरा है. इससे वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ता है, सरकार भी इसको लेकर काफी सख्त है. इस बारे में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में निर्णय लिया गया.
नियमानुसार यदि कोई किसान पराली जलाता हुआ पकड़ा जाता है तो इसमें एक एकड़ तक की जमीन वाले किसान पर ढाई हजार रुपये जुर्माना लगाया जाएगा. जिन किसानों के पास एक एकड़ से ज्यादा जमीन है, पराली जलाने पर उनको 5,000 रुपये तक का जुर्माना देना होगा.
कृषि विभाग में डिप्टी डायरेक्टर अरविंद सिंह ने बताया कि लगातार ऐसी शिकायतें मिलती थीं. लेकिन सैटेलाइट से मिली तस्वीरों के आधार पर कार्रवाई लेने से पिछले साल करीब 23 मामले आए थे. इस बार केवल एक मामला सामने आया है. इसका मतलब लोग जागरूक हो रहे हैं. पराली जलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
सीपीसीबी (CPCB) का कहना है कि सबसे ज्यादा असंतुलन हवा में धूल के बारीक कणों के घनत्व में देखने को मिल रहा है. 2.5 माइक्रॉन से छोटे धूल के कणों का घनत्व बढ़ गया है. इसे पीएम 2.5 (PM 2.5) कहा जाता है. पिछले दिनों पीएम 2.5 का घनत्व अधिकतम 308 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा है जबकि न्यूनतम घनत्व 81 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा है.
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