Indian News : उत्तर प्रदेश | पुलिस भर्ती और प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष आरके विश्वकर्मा को यूपी का कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है. आरके विश्वकर्मा 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. उन्हें कार्यवाहक डीजीपी देवेंद्र सिंह चौहान की जगह नियुक्ति दी गई है. देवेंद्र सिंह चौहान भी 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं |
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1988 बैच के अधिकारी राजकुमार विश्वकर्मा को उत्तर प्रदेश का कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) बनाया गया है. यूपी सरकार
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1988 बैच के अधिकारी राजकुमार विश्वकर्मा को उत्तर प्रदेश का कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) बनाया गया है. यूपी सरकार के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि विश्वकर्मा को कार्यवाहक डीजीपी देवेंद्र सिंह चौहान के स्थान पर नियुक्त किया गया है. चौहान भी 1988 बैच के अधिकारी हैं|
वरिष्ठता क्रम में 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी मुकुल गोयल के बाद उत्तर प्रदेश कैडर में दूसरे सबसे वरिष्ठ अधिकारी विश्वकर्मा कार्यकाल 31 मई 2023 तक है. उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के मूल निवासी विश्वकर्मा वर्तमान में पुलिस भर्ती और प्रोन्नति बोर्ड के महानिदेशक और अध्यक्ष के पद पर तैनात हैं|
आरके विश्वकर्मा ने रुड़की से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया है. इसी के साथ दिल्ली IIT से कंप्यूटर साइंस में मास्टर्स डिग्री हासिल की है. दिल्ली IIT से ही उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में पीएचडी भी की है. वे इंजीनियरिंग कर चुके हैं. इसके बाद उन्होंने सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास की और आईपीएस बने |
विदेशी पुलिस के साथ भी काम करने का अनुभव
आरके विश्वकर्मा विदेशी पुलिसिंग को भी निकट से देख चुके हैं. उन्होंने इजराइल पुलिस, निवार पुलिस और जापान पुलिस प्रशिक्षण हासिल किया है. इसके अलावा बोस्निया में ओवर फंक्शनिंग ऑफ इंटरनेशनल पुलिस के बारे में भी जानकारी हासिल की है. विदेशों में उन्होंने जिस तरीके से काम किया है, उसका फायदा उत्तर प्रदेश को मिलेगा. प्रतिनिक्ति के दौरान वह बीएसएफ और सीआरपीएफ में भी रहे |
इन जिलों में तैनात रहे विश्वकर्मा, अपनाया था सख्त रवैया
आरके विश्वकर्मा जौनपुर के रहने वाले हैं. इन्हें लखनऊ में असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (एएसपी) के बाद इन्हें एसपी सिटी, मेरठ और एसपी देहात, मेरठ के पद पर शुरुआती पोस्टिंग मिली. ये बस्ती, फर्रुखाबाद, फैजाबाद, गोरखपुर, वाराणसी अलीगढ़, मुरादाबाद, एटा, मैनपुरी, आगरा और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) में एसएसपी रहे. एटा, मैनपुरी, आगरा में पुलिस कप्तान रहने के दौरान विश्वकर्मा ने फिरौती के लिए अपहरण के अपराध पर बेहद सख्त रवैया अपनाया था.
पुलिस विभाग के कम्प्यूटराइजेशन में निभाई थी अहम भूमिका
अपर पुलिस महानिदेशक के रूप में पुलिस तकनीकी सेवाएं में तैनात रहने के दौरान विश्वकर्मा ने पूरे पुलिस विभाग का कम्प्यूटराइजेशन करने में बड़ी भूमिका निभाई थी. ऑनलाइन एफआइआर, चार्जशीट, केस डायरी सभी कम्यूटराइज किया गया. लॉस्ट एंड फाउंड सर्विस जैसे कई मोबाइल एप लॉन्च कर यूपी पुलिस को देश की सबसे अत्याधुनिक पुलिस बल में से एक बनाने में बड़ी भूमिका थी.
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