Indian News : रांची । इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी रांची जिला शाखा की कार्यकारिणी कमेटी को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया है. राज्यपाल सह इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी (झारखंड) के अध्यक्ष रमेश बैस ने सोमवार को अनियमितता पाये जाने पर यह कार्रवाई की. जांच रिपोर्ट मिलने के बाद अनियमितता में दोषी पाये गये डॉ सुशील कुमार, तत्कालीन सचिव डॉ उषा नरसरिया, तत्कालीन सदस्य डॉ अशोक कुमार प्रसाद, सदस्य डॉ जय प्रकाश गुप्ता, कोषाध्यक्ष मलकेट सिंह को दोषी पाया और उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई और एफआइआर का आदेश दिया। राज्यपाल ने सभी दोषियों की रेड क्रॉस सोसाइटी की सदस्यता भी हमेशा के लिए रद्द करने और मोरहाबादी स्थित रेड क्रॉस भवन में गलत ढंग से बनाये गये चैंबर को खाली करने का आदेश दिया है।

राज्यपाल रमेश बैस ने करायी थी शिकायत की जांच

राज्यपाल को रेड क्रॉस सोसाइटी की कार्यकारिणी समिति के सदस्यों द्वारा अनियमितता किये जाने की शिकायत मिली थी. इसके बाद राज्यपाल ने जांच करायी. रांची के उपायुक्त छवि रंजन से भी बात की। जांच कमेटी ने पाया है कि सोसाइटी के पूर्व सदस्यों द्वारा 74 लाख रुपये से अधिक की वित्तीय अनियमितता की गयी. साथ ही सरकारी राशि से लगभग सात लाख रुपये निजी कार्य में खर्च करने, गलत ढंग से ब्लड बैंक संचालन और किसी जरूरतमंद को ब्लड शुल्क के एवज में अधिक राशि वसूली की गयी है।




बताया जाता है कि वर्ष 2017 से पहले की कमेटी व वर्ष 2018-2019 में बनी कमेटी के कई सदस्यों द्वारा राज्य सरकार द्वारा दी गयी राशि सहित गलत वाॅउचर, एडवांस, कार्यालय में प्राप्त एक लाख 17 हजार से अधिक रुपये नकद खर्च कर देने आदि वित्तीय अनियमितता की शिकायत ऑडिट रिपोर्ट में भी आयी थी।

इसके बाद जिला शाखा के पदेन अध्यक्ष उपायुक्त ने सदस्यों को कारण बताओ नोटिस जारी किया और दो दिन में जवाब देने का निर्देश दिया था. लेकिन, सदस्यों ने तीन हफ्ते का समय मांगा।

इस बीच कोरोना के कारण मामला ठंडे बस्ते में चला गया था. दूसरी तरफ, फरवरी 2019 में नयी कमेटी बनी. इसके निर्वाचित अध्यक्ष पीडी शर्मा बनाये गये. निर्वाचित उपाध्यक्ष के रूप में डॉ अजीत कुमार सहाय का चयन हुआ. 26 अप्रैल 2021 को पीडी शर्मा का निधन हो गया. इसके बाद कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में डॉ सहाय कार्य कर रहे थे. उन्होंने पत्र लिख कर उपायुक्त सहित राजभवन को कमेटी का कार्यकाल 18 फरवरी 2022 को समाप्त होने और नयी कार्यकारिणी के चुनाव कराने की मांग की थी. इसी बीच कोरोना महामारी के कारण मामला ठंडे बस्ते में चला गया था।

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