Indian News : बलरामपुर | पंचायत सचिव के आगे नक मस्तक हुआ जिला प्रशासन पंचायत सचिव की लापरवाही का दंश झेल रहे बुजुर्ग एवं महिलाएं | जिला प्रशासन की जानकारी के बाद भी कोई पहल नहीं जिससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक पंचायत सचिव के आगे जिला प्रशासन पूरी तरह से नपुंसक बन बैठी हुई है | बलरामपुर जिला मुख्यालय से महज तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत बड़की महरी के बुजुर्ग एवं विधवा पेंशन धारी महिलाएं अपने हक के पैसे की मांग करते-करते थक चुके हैं अब उनके चेहरे पर मायूसी छलकने लगी है | प्राप्त जानकारी के अनुसार, कुछ दिन पूर्व ही बुजुर्ग एवं विधवा महिलाएं इस मामले को लेकर बलरामपुर जिले के कलेक्टर कार्यालय पहुँचे थे |

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जहां बलरामपुर कलेक्टर ने इन्हें जांच उपरांत पैसा देने एवं दोषियों पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था लेकिन इस मामले को लेकर जनपद के एक बाबू को मौके पर भेज कर मामले में लीपापोती कर जांच का हवाला देकर बाबू भी चला गया और बुजुर्ग एवं वृद्ध महिला दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं | बुजुर्ग एवं विधवा महिलाओं ने बताया कि किसी का दस महीने, तो किसी का बाहर महीने, तो किसी का छ महीने से विधवा एवं वृद्धा पेंशन नहीं मिला है और इसकी शिकायत उन्होंने पहले तो पंचायत के सचिव रतन सिंह एवं सरपंच लघुत्तम प्रसाद से किया था लेकिन उनके द्वारा लोगों को साफ तौर से फटकारते हुए कह दिया जाता था कि मैं नहीं जानता हूं आप लोगों के पैसे के बारे में अब उसकी टेंशन छोड़ दीजिए | अब आप लोगों को नहीं मिलेगा जहां ऐसी बात सुनकर महिला एवं बुजुर्ग कलेक्टर बलरामपुर के शरण में पहुंचे थे लेकिन वहां से मिले आश्वासन के बाद अभी तक उनका पैसा नहीं मिल पाया है | जिससे अब उनके आत्मविश्वास टूटती नजर आ रही है | जहां उन्होंने कहा कि अब तो शासन की योजनाओं के लाभ भी इनको मिल पाना मुश्किल लग रहा है | जैसे जिला प्रशासन के अधिकारी ऐसे एक पंचायत सचिव के सामने नक मस्तक हैं और इन पर जांच उपरांत उचित कार्रवाई अभी तक नहीं हो पाई है और नहीं हमें पेंशन मिल पाया है |




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मृत व्यक्तियों के खाते में आ रहा पेंशन

बड़की महरी पूर्व सरपंच चंद्र प्रकाश पैकरा ने जानकारी देते हुए बताया कि जिस तरीके से हमने इस पर सूची निकलवा कर देखा है जहां सूची में साफ तौर पर दिख रहा है कि छ से सात व्यक्ति हैं जिनकी मृत्यु हुए कई वर्ष हो गए हैं लेकिन उनके खाते में भी बीच-बीच में पेंशन की राशि आ रहा है | जिससे साफ तौर पर अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरपंच और सचिन की कितनी बड़ी लापरवाही है | आज इन मृत व्यक्तियों के खाते में जो पैसा आ रहा है और शासन के पैसे का घर दुरुपयोग हो रहा है जिसको देखते हुए मैंने बुजुर्गों के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर कलेक्टर साहब से इसकी शिकायत भी की है उनके द्वारा जांच उपरांत कार्रवाई करने की बात कही गई है | लेकिन दो-तीन दिन बीत गए और अभी तक पंचायत सचिव और सरपंच के ऊपर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है और ना ही अच्छे से जांच कराई गई है | हमें यह प्रतीत हो रहा है कि अब जिला प्रशासन भी पंचायत सचिव और सरपंच के कारनामे का नजरअंदाज कर रहे है |

मृत व्यक्ति के खाते में आए पैसे को मांगते हैं सरपंच

वही मृत व्यक्ति के पुत्र अवधेश सिंह ने कहा कि मेरे पिताजी की मृत्यु दो-तीन महीने पूर्व ही हो चुका है लेकिन उनके खाते में दिसंबर महीने का पेंशन की राशि आया था और हमारे ग्राम के सरपंच के द्वारा इस पैसा का मांग भी किया जा रहा था लेकिन मैंने इस पैसे को देने से इनकार करते हुए कहां की मेरे पिताजी के खाते में आया है तो मैं आपको इस पैसे को निकाल कर क्यों दूंगा |

पूर्व उपसरपंच ने लगाए गंभीर रूप

बड़की महरी के पूर्व उपसरपंच शीतल सिंह ने सरपंच और सचिन पर आरोप लगाते हुए कहा कि मैं इस मामले को लेकर 6 महीने पूर्व ही ग्राम सभा में उठाया था लेकिन सरपंच एवं सचिव अपने आगे किसी का सुनते ही नहीं है जिसका खामियाजा आज हमारे पंचायत के बुजुर्ग एवं विधवा महिलाओं को भुगतना पड़ रहा है | हमारे ग्राम पंचायत में वृद्ध एवं विधवा पेंशन ही नहीं ऐसे कई कार्य हैं जो भ्रष्टाचार के भेट चढ़े हुए हैं | अगर इस पंचायत में विधवा एवं वृद्धा पेंशन के अलावा अन्य कार्य की भी जांच होनी चाहिए और दोषी पर कार्रवाई होना चाहिए |

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